नवम्बर से जनवरी-2018 तक कम आएगा बिजली का बिल

शहर के लगभग 2.17 लाख कंज्यूमर्स को बिजली विभाग कई वर्षों के बाद कुछ राहत देने जा रहा है। गर्मियों में भारी-भरकम बिजली का बिल भरने वाले कंज्यूमर्स को नवंबर से लेकर जनवरी तक आने वाले बिल सब्मिट करवाने में कम जेब ढीली करनी पड़ेगी। दरअसल बिजली विभाग ने फ्यूल एंड पावर पर्चेज कॉस्ट एडजस्टमैंट (एफ.पी.पी.सी.ए.) चार्ज को रिवाइज कर दिया है, जिसके तहत ऐसा काफी समय बाद हो रहा है कि कंज्यूमर्स पर अतिरिक्त चार्ज लगाने की बजाय बिजली विभाग उनको पैसे वापस करेगा।

जिसका असर 1 नवंबर से 31 जनवरी तक आने वाले बिजली के बिला पर पड़ेगा। कंज्यूमर्स के बिजली के बिल में 5 पैसे से लेकर 10 पैसे तक कम बिल आएगा। विभाग की ओर से यह ऑर्डर 30 अक्तूबर को जारी किया गया है। जिसके तहत डोमैस्टिक कैटेगरी के कंज्यूमर्स के लिए तीन स्लैब्स बनाई गई हैं। इनके आधार पर ही अगर अधिक बिजली इस्तेमाल की गई होगी तो रिफंड भी अधिक मिलेगा। विभाग इस रिफंड को बिजली के बिल में माइनस करके भेजेगा, जिसकी जानकारी भी बिजली के बिल में दी जाएगी।

जुलाई से सितम्बर तक की कैलकुलेशन

विभाग की ओर से बताया गया है कि कंज्यूमर्स के लिए तीन महीने का जो एफ.पी.पी.सी.ए. चार्ज लगाया है, वह जुलाई से सितंबर तक इस्तेमाल की गई बिजली की कैल्कुलेशन के हिसाब से आएगा। यानि जितनी अधिक बिजली इन महीनों में कंज्यूमर्स ने इस्तेमाल की होगी उतना ही एफ.पी.पी.सी.ए. चार्ज अधिक रिफंड होगा। विभाग ने इसके लिए 0-150, 151-400 और 400 से अधिक यूनिट के हिसाब से कैटेगरी को विभाजित किया है।

कंज्यूमर्स भेज सकते हैं सुझाव

कंज्यूमर्स अब कमीशन के पास एफ.पी.पी.सी.ए. पर सुझाव भेज सकते हैं, इससे कि बिजली के बिल में थोड़ी ओर राहत मिल सके। कमीशन की ओर से कहा गया है कि अगर अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की तुलना में चंडीगढ़ से एफ.पी.पी.सी.ए. अधिक वसूला जा रहा है तो इस मुद्दे पर अलग से अपनी शिकायत दर्ज की जा सकती है। कंज्यूमर्स का कहना है कि एफ.पी.पी.सी.ए. की जगह फिक्स्ड चार्जिस को लगाया जाना चाहिए।

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