Navjot Singh Sidhu

सिद्धू बोले- मैं राजनीति की पिच से आउट होने वाला नहीं, 15 साल और टिका रहूंगा

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब के स्‍थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अपने बेबाक अंदाज के लिए मशहूर हैं और कहीं भी उनका यह अंदाज दिख जाता है। यहां पंजाब विश्‍वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में इसी अंदाज में दिखे। वह क्रिकेट से लेकर राजनीत पर जमकर बोले। उन्‍होंने कहा, जो लोग यह सोचते हैं कि मैं राजन‍ीति की पिच से अाउट हाे जाऊंगा वे गलतफहमी हैं। 15 साल से इस पिच पर टिका हूं और कम से कम अगले 15 साल तक टिका रहूंगा।

सिद्धू ने पीयू में आयोजित लॉ फेस्ट में कहा कि अमीरों पर कैपिंग सिस्टम लगाया जाना चाहिए, ताकि अमीर-गरीब की बढ़ती खाई को पाटा जा सके। विजय माल्या जैसे लोग देश का पैसा खाकर फरार हैं और अाम आदमी पर बोझ डाला जा रहा है। ऐसे लोगों को पकड़ा जाना चाहिए। उन्‍होंने कहा, आजादी मिले 70 साल हो गए हैं, लेकिन युवाओं को लेकर हम कोई प्रभावी पॉलिसी नहीं बना पाए। बजट में इस वर्ग के लिए अलग से व्‍यवस्‍था होनी चाहिए।

केंद्रीय बजट पर उन्होंने कहा कि किसानों के लिए न्यूनतम फसल मूल्य में वर्तमान बजट में डेढ़ फीसद बढ़ोतरी से कोई ज्यादा प्रभाव नहीं। कम से कम चार से पांच गुना बढ़ोतरी होनी चाहिए थी। किसान तो कर्ज के तले ही दबा रहता है। किसानों को कम से कम ब्याज दरों पर लोन दिया जाना चाहिए। केवल तीन फीसद ही शिक्षा पर खर्च किया जा रहा है। जो कि सही नहीं है। इस मौके पर लॉ विभाग की चेयरमैन प्रोफेसर शालिनी मारवाह, डीन लॉ अनु चतरथ समेत फैकल्टी मेंबर मौजूद रहे।

यह पूछे जाने पर कि आजकल सिद्धू और उनकी पार्टी के बीच में खटपट की जानकारी सामने आ रही है, उन्होंने कहा, जब मैं जब राजनीति में आया, तो कई लोगों ने कहा कि छह साल नहीं टिक पाओगे। लेकिन उन बातों को 15 साल हो गए हैं और आने वाले 15 साल भी राजनीति में टिका रहूंगा।

नवजोत सिद्धू और तेंदुलकर एक दिन में नहीं बने

स्टूडेंट्स को उन्होंने कहा कि कदापि इंस्टेंट कॉफी यानी कि शॉर्टकट का रास्ता न चुनें। मेहनत करें, सफलता जरूरी मिलेगी। कोई नवजोत सिद्धू या सचिन तेंदुलकर एक दिन में नहीं बनता। सालों की मेहनत के बाद वे यहां तक पहुंचे हैं। इसलिए मेेहनत से आप भी बुलंदी तक पहुंच सकते हैं।

लोगों की चिंता न करो

सिद्धू बोले कि प्रयास जरूर करें। एक बार असफल हुए तो सफलता भी कभी न कभी जरूर मिलेगी। यह मत सोचो कि लोग क्या कहेंगे। उन्होंने उसका उदाहरण दो पंक्तियों के माध्यम से दिया कि दुनिया में सबसे बड़ा रोग, मेरे बारे में क्या कहेंगे लोग, ही समस्याओं की जड़ है।

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