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ज़िंदगी को अलविदा कहने के बाद 11 लोगों को दिया नया जीवन, दो परिवारों का हौसला

ज़िंदगी को अलविदा कहने के बाद 11 लोगों को दिया नया जीवन, दो परिवारों का हौसला

दो परिवारों का हौसला और अस्पताल का जुनून 11 लोगों को नया जीवनदान दे गया। पहली दफा एक ही दिन में तीन बार अलग-अलग विमानों से अंग दिल्ली और नोएडा भेजे गए। हिमाचल के दो अलग-अलग जगहों से ब्रेन डेड पेशेंट पीजीआई पहुंचे।

परिजनों की स्वीकृति मिलने के बाद पीजीआई ने पेशेंट के अंग सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया के साथ ही मैचिंग वाले पेशेंट की खोजबीन शुरू कर दी। दोनों पेशेंट से चार किडनी, चार क्रोनियां, दो हार्ट और एक लिवर निकाली गई।

हार्ट और लीवर के मैचिंग के पेशेंट न मिलने पर पीजीआई ने तुरंत नेशनल आर्गन टिश्यू ट्रांसप्लांट आर्गेनाइजेशन (नोटो) से संपर्क किया। नोटो के मध्यस्ता करने से नई दिल्ली एम्स, जीबी पंत हास्पिटल दिल्ली, फोर्टिस नोएडा से पेशेंट के लिए रिस्पांस मिला। एम्स और फोर्टिस नोएडा की टीम बुधवार देर रात चंडीगढ़ पहुंची, जबकि जीबी पंत की टीम वीरवार सुबह।

विशेष विमान से भेजे गए हार्ट और लिवर
यह पहली बार है, जब एक ही दिन में तीन बार ग्रीन कारिडोर (पीजीआई से एयरपोर्ट तक रास्ता, बिना किसी ट्रैफिक के ) बनाया गया हो। पहला ग्रीन कारिडोर सुबह साढ़े बजे बनाया गया, जिसमें हार्ट भेजा गया।

दूसरा 8.30 बजे (लीवर) और तीसरा 11.22 बजे (हार्ट)। पहला हार्ट एम्स की टीम लेकर गई। दूसरा फोर्टिस नोएडा और लिवर जीबी पंत हास्पिटल की टीम लेकर गई। पीजीआई के मुताबिक हार्ट और लिवर सक्सेसफुल ट्रांसप्लांट कराए जा चुके थे, जबकि दूसरे हार्ट का ट्रांसप्लांट जारी था।

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