Accident In Zirakpur

Chandigarh,Mother And Daughter Death In Road Accident In Zirakpur

एक पिता की आंखों के सामने उसकी बड़ी बेटी और पत्नी की दर्दनाक मौत हो गई और छोटी बेटी चंडीगढ़ पीजीआई में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। गाड़ी का खरोच देखने के लिए गाड़ी से निकले संजय को उनकी पत्नी की दुआओं ने तो बचा लिया, लेकिन दस मिनट के अंदर उनका वर्षों से संजोया परिवार सड़क पर तिनके की तरह बिखर गया।

वह इस सड़क हादसे से अबतक उबर नहीं पाए हैं। वह बार बार अपने आपको कोस रहे हैं कि काश पत्नी को गाड़ी से बाहर निकलने से रोक लिया होता, तो वह उनके साथ होती। हादसे में पत्नी सीमा और बड़ी बेटी दिव्या की मौत हो चुकी है। वहीं छोटी बेटी दिशा का पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज चल रहा है।

मूलरूप से वह पानीपत शहर के रहने वाले हैं। वह वर्तमान में पंचकूला की पावर कालोनी में पिछले करीब पांच साल से रह रहे हैं। वह उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम में बतौर उप निरीक्षक के पद पर तैनात हैं। भाई के ऑफिस से रिटायरमेंट पार्टी का जश्न मनाकर कर कुरुक्षेत्र से लौटते समय दप्पर टोल प्लाजा के पास सुबह करीब आठ बजे एक ट्राला से स्विफ्ट डिजायर टकरा गई। इन्हीं गाड़ियों के पीछे संजय की मारुति भी थी, संजय ने अपनी गाड़ी का बैलेंस तो बना लिया, लेकिन गाड़ी का फ्रंट डिजायर में टकराया गया।

बचाव भी हो गया, लेकिन संजय अपनी गाड़ी पर लगे खरोच को देखने के लिए सड़क पर गाड़ी खड़ी कर बाहर निकले। अभी दूसरे गाड़ी वाले से बात ही कर रहे थे कि तभी उनकी पत्नी ने गाड़ी से आवाज दी कि मैं भी गाड़ी से बाहर आ रही हूं और संजय ने उन्हें बुला लिया, जैसे ही उन्होंने अपनी गाड़ी का गेट खोला और बाहर निकलने लगी, इतने में अंबाला चंडीगढ़ हाइवे पर आ रही एक पंजाब की प्राइवेट बस ने उन्हें टक्कर मार दी और खून से लथपथ अपनी पत्नी को सड़क पर तड़पते देख संजय डर गए।

इतने में उनकी नजर गाड़ी में बैठी दोनों बेटियों पर पड़ी वह भी खून से सनी गाड़ी में लेटी पड़ी थी। उन्हें समझ नहीं आ रहा था, कि अब वह क्या करें, क्योंकि पलक झपकते उनके परिवार के साथ इतना बड़ा हादसा हो गया। आनन-फानन में वहां मौजूद लोगों की मदद से वह डेराबस्सी के सिविल अस्पताल में पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उनकी बड़ी बेटी दिव्या और पत्नी सीमा को मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा उनकी छोटी बेटी दिशा को चंडीगढ़ जीएमसीएच में रेफर कर दिया गया।

जीएमसीएच में तैनात डॉक्टरों ने दिशा की हालत को नाजुक बताते हुए चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया। दिशा की पसलियों में कई फ्रैक्चर है। इसके अलावा उसके दाहिने हाथ में फ्रैक्चर है और कई जगह अंदरूनी चोटें भी आईं हैं।

डॉक्टर बन गरीबों का फ्री इलाज करना चाहती थी दिव्या
पावर कालोनी निवासी निर्मला देवी ने बताया कि 17 वर्षीय दिव्या डॉक्टर बनकर गरीबों का फ्री इलाज करना चाहती थी। वह मनीमाजरा के गवर्नमेंट स्कूल से मेडिकल स्ट्रीम में प्लस वन की छात्रा थी। दसवीं तक पढ़ाई दिव्या ने पंचकूला के डीसी मॉडल स्कूल से किया था। दसवीं कक्षा में उसने 88 फीसदी अंक लेकर पास किया है।

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