जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : बचपन बचाओ आंदोलन का आगाज अप्रैल 2018 से चंडीगढ़ में भी होगा। यह अभियान नॉबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने शुरू किया था और विभिन्न राज्यों को इसे शुरू करने की अपील की थी। नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (नालसा) की तरफ से चंडीगढ़ के स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी को निर्देश जारी किए हैं कि वह इस अभियान को शहर में शुरू करें। इसे अप्रैल 2018 में शुरू करने का निर्णय लिया गया है। जिसमें शहर के पांच सरकारी स्कूलों से शुरुआत होगी। बचपन बचाओ आंदोलन को बढ़ाने के लिए स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी के द्वारा सामग्री मुहैया कराई जाएगी। इसमें स्कूलों को मुफ्त में कंप्यूटर, पुस्तकें मुहैया कराई जाएंगी। इसके अलावा लीगल स्टडी के लिए जो भी जरूरत स्कूलों को होगी, वह सब एसएलएसए के द्वारा पूरी की जाएगी। बचपन बचाओ आंदोलन के तहत स्कूली स्टूडेंट्स को लीगल एजुकेशन दी जाएगी। जिसमें स्टूडेंट्स को कानून के मूल बताए जाएंगे। जिसमें मुख्य तौर पर एफआइआर, डीडीआर किस प्रकार से होती है। इसके अलावा किस कानून के तहत गिरफ्तारी होती है। अदालत की क्या प्रक्रिया होती है। सारी जानकारी स्टूडेंट्स को नैतिक आधार पर दी जाएगी और उसके कोई अंक वार्षिक परीक्षा में नहीं जुडे़गे। ऐच्छिक तौर पर कोई स्टूडेंट इसमें जुड़ सकता है। नालसा की तरफ से अभियान को शुरू करने का निर्देश मिला है। अप्रैल 2018 में बोर्ड के वार्षिक एग्जाम पूरे होने के बाद स्कूल प्रिंसिपल से बैठक की जाएगी और किन स्कूलों में इस आंदोलन को शुरू करना है इस पर निर्णय होगा। महावीर सिंह, मेंबर सेक्रेटरी, स्टेट लीगल सर्विस अथॉरिटी