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डड्डूमाजरा में गारबेज प्लांट के मामले में नगर निगम को एनजीटी से झटका लगा

डड्डूमाजरा में गारबेज प्लांट के मामले में नगर निगम को एनजीटी से झटका लगा

डड्डूमाजरा में गारबेज प्लांट के मामले में नगर निगम को एनजीटी से झटका लगा है। एनजीटी ने जेपी कंपनी को प्लांट चलाने के लिए छह माह का समय और दे दिया है जबकि निगम प्लांट को अपनी सुपुर्दगी में लेने के लिए पैरवी कर रहा था।
एनजीटी ने जेपी कंपनी को तीन माह के भीतर अपने खर्चे पर कंपोस्ट प्लांट भी लगाने के लिए कहा है। यह भी निर्देश दिए हैं कि कंपोस्ट प्लांट लगाने के बाद प्लांट सारा 450 टन कचरा प्रोसेस करे। इसके साथ ही वर्तमान प्लांट को अपग्रेड करने के लिए भी कहा है। एनजीटी ने जेपी कंपनी को दिए गए निर्देश को एक प्रपोजल के तहत अगले मंगलवार होने वाली सुनवाई के दौरान लिखित में लाने के लिए कहा है जबकि नगर निगम की ओर से कमिश्नर बी पुरूषार्था, मेयर आशा जसवाल, पूर्व मेयर अरुण सूद, कांग्रेस पार्षद देवेंद्र सिंह बबला भी गए थे। उन्होंने एनजीटी में अपनी अपनी बात रखी। कमिश्नर ने कहा कि जेपी कंपनी प्लांट नहीं चला पा रही है। एनजीटी ने यह भी कहा कि छह माह तक चलने वाले प्लांट की मानीटरिंग के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा जो समय-समय पर प्लांट चेक करेगी। इसके साथ ही एनजीटी ने नगर निगम को कंपनी की बैंक गारंटी की एवज में 500 रुपये टन के हिसाब से कचरे की टिपिंग फीस अदा करने के लिए कहा है।

एनजीटी में कमिश्नर और मेयर ने यह भी बताया कि प्रदूषण कंट्रोल कमेटी ने प्लांट को खामियां होने के कारण नोटिस भी जारी किया है, जिस पर एनजीटी ने टिप्पणी करते हुए यह भी कहा कि बाहर से लोग सिटी ब्यूटीफुल में सेहत बनाने के लिए आते हैं लेकिन प्लांट के कारण और डंपिंग ग्राउंड भरने से लोग बीमार हो रहे हैं। ऐसा नहीं होना चाहिए। उधर, कमिश्नर ने कहा कि जेपी कंपनी की क्षमता और नीयत ही नहीं है कि वह प्लांट चला सके। ऐसे में चंडीगढ़ नगर निगम को ही प्लांट चलाने के लिए दे देना चाहिए।

निगम समझौता खारिज कर कब्जा लेने का ले चुका है निर्णय
पिछले माह जेपी कंपनी के प्रस्ताव पर कंपोस्ट प्लांट लगाने का प्रस्ताव सदन में चर्चा के लिए आया था लेकिन उस समय जेपी कंपनी नगर निगम से 85 प्रतिशत राशि लोन के तौर पर प्लांट से मांग रही थी लेकिन पार्षदों ने सदन में यह निर्णय लिया कि जेपी कंपनी के साथ समझौता खारिज किया जाए और प्लांट से नगर निगम कब्जा ले सके लेकिन एनजीटी में सुनवाई चलने के कारण नगर निगम ऐसा नहीं कर सका। पूर्व मेयर अरुण सूद का कहना है कि एनजीटी ने अब जेपी कंपनी को अपने खर्चे से कंपोस्ट प्लांट लगाने के लिए कहा है। सूद का कहना है कि तीन माह के भीतर प्लांट लगाने के लिए कहा है। उनका कहना है कि नगर निगम को तो सिर्फ यही चाहिए कि प्लांट शहर का सारा कचरा प्रोसेस करने के लिए ले और डपिंग ग्राउंड में कोई भी कचरा न फेंका जाए ताकि डड्डूमाजरा के लोग बीमार न हों।

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