प्रशासन के कई प्रोजेक्ट जमीन की कमी के कारण अटके

प्रशासन के कई प्रोजेक्ट जमीन की कमी के कारण अटके

प्रशासन के कई प्रोजेक्ट जमीन की कमी के कारण अटके

चंडीगढ़ प्रशासन पंजाब की एक पॉलिसी को लागू करने जा रहा है, जिससे लोगों को काफी फायदा होगी। वहीं प्रशासन का एक प्रोजेक्ट भी पूरा हो जाएगा। चंडीगढ़ प्रशासन अब किसानों से जमीन लेकर हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा करेगा। बदले में प्रशासन किसानों से ली गई जमीन का एक हिस्सा उन्हें डेवलप कर देगा। पंजाब में यह स्कीम सफल रही है। पंजाब के तर्ज पर अब यूटी प्रशासन इस स्कीम को चंडीगढ़ में लागू करने जा रहा है, ताकि प्रशासन अपने विभिन्न प्रोजेक्टों को सिरे चढ़ा सके। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को फ्लैट बनाकर देने के लिए प्रशासन के पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं है।
प्रशासन के कई प्रोजेक्ट जमीन की कमी के कारण अटके हैं। इसके लिए अब प्रशासन ने किसानों से जमीन लेना का फैसला किया है। शहर में जो जमीन खाली पड़ी हैं, वह भी किसी न किसी प्रोजेक्ट के लिए पहले ही चिह्नित की जा चुकी है। प्रशासन के खाते में जमीन का कुछ ही हिस्सा बचा है। ऐसे में प्रशासन के पास बची हुई जमीन पर हाउसिंग प्रोजेक्ट व खुद के प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध नहीं हैं। हाल ही में दिल्ली में गृहमंत्री सलाहकार समिति की बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ के समक्ष पंजाब के गवर्नर वीपी सिंह बदनौर व सांसद किरण खेर ने यह मुद्दा उठाया था।

प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही ड्राफ्ट तैयार कर पॉलिसी फाइनल कर एमएचए को मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। नई जमीन अधिग्रहण नीति के तहत किसानों की जमीन अधिग्रहीत करना मुश्किल हो गया है। प्रशासन ने अब फैसला किया है कि किसानों से जमीन की मांग की जाएगी, इसे विभिन्न प्रोजेक्टों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। किसानों को इसके बदले में जमीन का एक टुकड़ा डेवलप कर तय मुआवजा भी दिया जाएगा। प्रशासन ने पिछले 10 वर्षों में शहर में कहीं भी जमीन अधिग्रहण नहीं किया है।

प्रशासन के पास 700 एकड़ जमीन
प्रशासन के पास शहर में लगभग 700 एकड़ जमीन है। इसमें से 300 एकड़ जमीन विभिन्न प्रोजेक्टों के पहले ही चिन्हित की जा चुकी है। इस जमीन का उपयोग प्रशासन अपने स्तर पर किसी अन्य काम के लिए भी नहीं कर सकता। प्रशासन द्वारा सारंगपुर में एजुकेशन सिटी के लिए सौ एकड़, फिल्म सिटी के 30 एकड़ और थीम पार्क की 70 एकड़ जमीन खाली पड़ी है। इसके अतिरिक्त मनीमाजरा में मेडी सिटी के लिए रखी गई 45 एकड़ जमीन तथा मौलीजागरां में इंडस्ट्रियल एरिया फेज तीन के लिए व अन्य प्रोजेक्ट के लिए 125 एकड़ से अधिक जमीन प्रशासन के पास है।

करीब 500 एकड़ जमीन की जरूरत
प्रशासन को हाउसिंग व अन्य प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए करीब 500 एकड़ जमीन चाहिए। अधिकारियों का कहना है किसानों के पस इस समय हजारों एकड़ जमीन खाली पड़ी हैं। किसानों से जमीन लेकर अब प्रशासन अपने प्रोजेक्ट पूरा करेगा।

धनास, मलोया और मौलीजागरां में बनेंगे 10 हजार फ्लैट
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत यूटी प्रशासन ने धनास, मलोया और मौलीजागरा मे 10 हजार फ्लैट के निर्माण करने का फैसला किया है। मलोया में 5500, धनास में 4000 और मौलीजागरा में 500 फ्लैट का निर्माण किया जाएगा। पहले फेज में 10 हजार फ्लैट में ईडब्लयूएस के तहत 3500, एलआईजी के 3000, एमआईजी-1 के 2000 और एमआईजी-2 के तहत 1500 फ्लैट बनाए जाएंगे।

प्रशासन किसानों से जमीन की मांग करेगा, इसके लिए प्रशासन उन्हें जमीन का कुछ हिस्सा डेवलप कर देगा। पहले पॉलिसी बनाई जाएगी, इसके बाद एमएचए से मंजूरी ली जाएगी

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