Farooq Abdullah

श्रीनगर में फारूक बोले भारत माता की जय, विरोध में दिखाए गए जूते

पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद डॉ. फारूक अब्दुल्ला को हजरतबल में लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। उन्हें जूते दिखाए गए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। दरअसल लोग दिल्ली में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की याद में आयोजित समारोह में फारूक की ओर से भारत माता की जय और जय हिंद के नारे लगाने से नाराज हैं।

वायरल वीडियो में कुछ लोग फारूक के सिर पर जूते रखते दिख रहे हैं। विरोध इतना जबर्दस्त था कि एसएसजी एस्कार्ट की मदद से वे ईदगाह में जा सके। लाइन में खड़े कई युवाओं ने अपने जूते और सैंडल उनकी ओर दिखाए। साथ ही उन्हें ईदगाह परिसर से बाहर करने की मांग की। आजादी के हक में नारेबाजी की। विरोध को देखते हुए नमाज के बाद खुतबा तक नहीं हो सका। वहीं हंदवाड़ा में नेकां नेता चौधरी मोहम्मद रमजान के भी लोगों की ओर से विरोध की सूचना है।

वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने हजरतबल मामले पर कहा कि यह चंद सिरफिरे लोगों की करतूत है। इससे आजादी नहीं मिलने वाला है। ऐसे लोगों को पहले भुखमरी, बीमारी तथा भिक्षावृत्ति से आजादी पाना होगा। पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सियासी लोगों का विरोध लोकतंत्र में होता है, लेकिन विरोध के लिए गलत दिन का चुनाव किया गया। ईद पर लोग नमाज पढ़ने गए थे। विरोध तो बाद में भी हो सकता था। उन्हें क्या लगता है कि इससे फारूक डर जाएगा। फारूक कभी भी इससे डरने वाला नहीं है। लोग समझते हैं कि इससे आजादी मिलेगी तो पहले भुखमरी, बीमारी व भिक्षावृत्ति से मुक्ति दिलानी होगी। कोने में छिपकर नारे लगाने से बात नहीं बनेगी। उन्होंने कहा कि वक्त आ गया है कि अमन से बैठकर हिंदुस्तान-पाकिस्तान बातचीत करे। शांति बहाली के प्रयास हों।

फारूक ने कहा कि आज की कार्रवाई से प्यार नहीं बल्कि नफरत झलकता है। यह सबका वतन है। जो यहां रहते हैं सबका मुल्क है। इस प्रकार की हरकत मुल्क को कमजोर करने का प्रयास है। भारत माता की जय के नारे लगाना क्या गलत है। क्या हम हिंदुस्तान से अलग रहना चाहते हैं। हम गद्दार नहीं है। कश्मीरी कभी भी गद्दार नहीं हो सकता। पिछले 30 साल से बर्बादी झेल रहे हैं। पहले हमें इस मुसीबत तथा दलदल से बाहर निकलना होगा। यह नारेबाजी से नहीं होगा। यदि होना होता तो 30 साल में हो गया होता। उन्होंने कहा कि नए राज्यपाल वोहरा की ही तरह काम करेंगे और अमन के साथ तरक्की का रास्ता प्रशस्त होगा, यह उम्मीद है। भाजपा नेता की हत्या पर कहा कि आजाद मुल्क में हर किसी को जिंदा रखने का हक है। उसका कसूर क्या था कि वह भाजपा का कार्यकर्ता था।

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