Driving Test

आरएलए में आईडीटीएस सिस्टम से शुरू हुआ ड्राइविंग टेस्ट, कैमरे और सेंसर से निगरानी

रजिस्टरिंग एंड लाइसेंसिंग अथॉरिटी (आरएलए) की ओर से सेक्टर-23 स्थित ट्रैफिक पार्क में आईडीटीएस सिस्टम से अब ड्राइविंग टेस्ट शुरू हो गया। अभी इसे ट्रायल बेस पर शुरू किया गया है। इस कारण ड्राइविंग टेस्ट देने आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इसके लॉचिंग की अधिकारिक घोषणा प्रशासन की ओर से जुलाई में की जाएगी।

इनोवेटिव ड्राइविंग टेस्टिंग सिस्टम (आईडीटीएस) के माध्यम से ड्राइविंग टेस्ट परीक्षा शुरू हो गई। इसमें कैमरे से परीक्षण किया जा रहा है। आईडीटीएस को स्थापित करने में केंद्रीय परिवहन संस्थान (सीआईआरटी) पुणे की ओर से दो साल का समय लगा। प्रशासन की ओर से इसे इंस्टाल करने में दो करोड़ रुपये खर्च किया। ट्रैफिक पार्क स्थित सात सौ मीटर के ट्रैक में डिजिटल कैमरे और 50 सेंसर लगाए गए हैं।

ड्राइविंग टेस्ट देने वाले वाहन मालिक ट्रैक पर ड्राइव करते हैं। आवेदकों को उनके प्रदर्शन के आधार पर अंक दिए गए हैं। इस प्रणाली में अच्छे वाहन चालक ही पास होंगे। इस सिस्टम को पारदर्शी बनाया गया है। इसमें मैनुअल कोई काम नहीं होगा। मैनुअल प्रणाली से ड्राइविंग टेस्ट में कई बार गड़बड़ी की शिकायतें आई थीं। अब इसमें किसी प्रकार का मैनुअल काम नहीं होगा। इस सिस्टम के माध्यम से पूरी पारदर्शिता से ड्राइविंग टेस्ट होगा। पूरे परीक्षण में सात मिनट का ट्रायल होगा।

टेस्ट से पहले दिया जा रहा कार्ड

डीएल के लिए अप्लाई करने वाले आवेदकों को परीक्षण से पहले एक रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान (आरएफआईडी) कार्ड जारी किया जाता है। यह परीक्षण के दौरान संचालित वाहन के सामने रखा जाता है। कार्ड, जिसमें एक छोटी चिप और एंटीना होता है, आवेदक के प्रदर्शन को कैप्चर करता है। जानकारी तब डिजिटल रूप से नियंत्रण कक्ष में स्थानांतरित की जाती है। यह दुपहिया और फोर व्हीलर चलाने वाले वाहन चालक का आकलन कर नंबर देती है।

सात चरण में हो रहा परीक्षण

ड्राइविंग टेस्ट देने वाले वाहन मालिक को सात चरण में परीक्षण देना होगा। रिवर्स ट्रैक, यूटर्न ट्रैक, गलत टर्न ट्रैक, फोर जंक्शन ट्रैक, राउंड अबाउट ट्रैक और ग्रेडियंट ट्रैक का टेस्ट देना होगा। इस सभी पर दुपहिया और फोर व्हीलर का परिणाम कंप्यूटर की ओर से अंकित किया जाएगा। वहीं जो भी गलत ट्रैक पर जाएगा। उसे टेस्ट से बाहर कर दिया जाएगा।

खामियों के कारण परेशान लोग

इस टेस्ट को शुरू करने से पहले ऑनलाइन परमिशन दिए जाने का प्रावधान था। इसे भी अभी लागू नहीं किया गया है। वहीं लोगों को टेस्ट देने से पहले 10 मिनट की मूवी दिखाई जानी थी, लेकिन यह भी अभी तक नहीं शुरू हो पाई है। इस कारण टेस्ट देने आए लोगों को परेशानी हो रही है। सेक्टर -27 से टेस्ट देने आए सुधीर राठी ने बताया कि अभी नियमों का पता नहीं चल रहा है। धूप अधिक होने से परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ड्राइविंग टेस्ट ट्रायल के तौर पर एक महीने पहले शुरू हुआ है। इसमें 100 लोग रोजना टेस्ट देने आते हैं। इसमें 50 लोग ही पास हो रहे हैं।

अभी ट्रैफिक पार्क स्थित ट्रैक पर ट्रायल किया जा रहा है। जल्द ही आने वाली खामियों पर जल्द ही सुधार किया जाएगा। इसमें ऑनलाइन सिस्टम से परमिशन दी जाएगी, जिससे कि लोगों को परेशानी न हो। वह डीएल का टेस्ट आसानी से दे सकेंगे।
राकेश पोपली, आरएलए

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