Electricity Meter

चंडीगढ़ में 260 करोड़ की लागत से लगेंगे स्मार्ट बिजली मीटर, छेड़खानी करते ही जाएंगे पकड़े

सिटी ऑफ ब्यूटीफुल को स्मार्ट बनाने की दिशा में प्रशासन ने एक और कदम बढ़ा दिया है। शहर की बिजली व्यवस्था को सरल और बेहतर बनाने के लिए घरों में स्मार्ट बिजली के मीटर लगवाने का पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया है। इसमें करीब 260 करोड़ रूपए का खर्च आएगा। प्रथम चरण में शहर के इंडस्ट्रियल एरिया के 30 हजार उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने की कार्य योजना तैयार की गई है।

शहर के लगभग 2.20 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। जल्द ही प्रथम चरण का काम शुरू होने का संभावना जताई जा रही है। शहर में बिजली चोरी रोकने के लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी से चलने वाले स्मार्ट मीटर की पायलट योजना परवान चढ़ने वाली है।

इसकी बिजली विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। प्रशासन ने इसे हरी झंड़ी भी मिल गई है। स्मार्ट मीटर की खासियत यह है कि इसे छेड़ना उपभोक्ता को महंगा पड़ेगा। किसी ने इनमें गड़बड़ करने की कोशिश की तो कंपनी के कंट्रोल रूम में पता चल जाएगा।

सर्विस क्रमांक, उपभोक्ता के नाम सहित जानकारी सेंट्रल सर्वर तक पहुंच जाएगी। सर्वर के माध्यम से ही पूरी जानकारी विभागीय अधिकारी के मोबाइल पर भी अलर्ट पहुंचेगा। इसके बाद तत्काल मोबाइल से ही उक्त कनेक्शन काटा जा सकेगा।

यहां से होगी पायलट प्रोजक्ट की शुरूआत

बिजली विभाग के इस महत्वाकांक्षी पायलट प्रोजेक्ट पर 260 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस खर्च से शहर के करीब 2.20 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लग जाएंगे। शुरुआती दौर में अधिकतम लाइन लॉस वाले एरिया में 30 हजार मीटर लगाए जाएंगे।

बताया जा रहा है कि विभाग को इंडस्ट्रियल एरिया इलाके में अधिक लॉस हो रहा है। यहां पर रीडिंग, बिलिंग और वसूली में ज्यादा समस्या हो रही है। जिसके चलते इस एरिया में मीटर लगाने का काम जल्द शुरू किया जाएगा। बिजली व मीटर निर्माता कंपनी के बीच कई बार बैठक हो चुकी है। निरंतर स्मार्ट मीटर की विशेषताएं बढ़ाने के लिए विभागीय स्तर पर मशक्कत कर रही है।

इस तरह पकड़ी जाएगी बिजली चोरी

स्मार्ट मीटर से उपयोग की गई बिजली के आंकड़े व डेटा कलेक्टर तक पहुंच जाएंगे। इनसे कंट्रोल रूम स्थित सेंट्रल सर्वर को जानकारी भेजी जाएगी। इस आधार पर बिलिंग होगी। स्मार्ट मीटर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि दिन में कई बार रीडिंग लेने में सक्षम हैं। एक रीडिंग रात 9 बजे होगी और दूसरी सुबह 6 बजे। इस बीच यदि बिजली की खपत नहीं हुई तो जाहिर है कि उपभोक्ता बिजली चोरी कर रहा है।

ऐसे काम करेगा स्मार्ट मीटर

-मीटर में लगे रिमोट डिस्कनेक्शन यूनिट से कंट्रोल रूम या मोबाइल से कनेक्शन काटा जा सकेगा।
-उपभोक्ता द्वारा उपयोग हर घंटे बिजली का अपडेट कंट्रोल रूम के पास मौजूद रहेगा।
-यदि बिजली बंद हुई तो मोबाइल पर उपभोक्ता को पता चल जाएगा।
-मोबाइल के जरिए ही घर बैठे शिकायतों का समाधान जल्द हो जाएगा।
-हर मीटर पर प्रीपेड सुविधा भी होगी। रिचार्ज कराइए और पॉवर लीजिए।
-मीटर की क्षमता से अधिक लोड होने पर सीधे कंट्रोल रूम को इसकी जानकारी मिलेगी।

लगेंगे 30 हजार स्मार्ट मीटर

बिजली विभाग चंडीगढ़ के सुपरिटेंडिंग इंजीनियर एमपी सिंह ने बताया कि स्मार्ट बिजली मीटर इतने हाईटेक होंगे कि किसी भी तरह की गड़बडी होने पर कंट्रोल रूम में अलार्मिंग लाइट ब्लिंक करने लगेगी। संबंधित अधिकारियों को भी मोबाइल पर मैसेज मिल जाएगा। शहर में जल्द ही 30 हजार स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्य है।

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