जेडब्ल्यू मैरियट होटल चलाने वाली कंपनी ने जमा करवाए 2.5 करोड़

सेक्टर35 की लोक प्रिया बिल्डवेल प्राइवेट कंपनी ने लीज मनी के 2.5 करोड़ की पहली किस्त 26 दिसंबर को एमसी के पास जमा करवा दी…

सेक्टर35 की लोक प्रिया बिल्डवेल प्राइवेट कंपनी ने लीज मनी के 2.5 करोड़ की पहली किस्त 26 दिसंबर को एमसी के पास जमा करवा दी है। अब कंपनी को दूसरी किस्त के 2.5 करोड़ 31 जनवरी तक जमा करवाने हैं। अगर कंपनी 31 जनवरी तक बकाया राशि एमसी के पास जमा करवा देती है तो एमसी के कंपनी के खिलाफ जारी ऑर्डर खारिज हो जाएंगे। अगर कंपनी बकाया जमा करवाने में नाकाम रहती है तो चीफ एडमिनिस्ट्रेटर एके सिन्हा की कोर्ट से 18 दिसंबर को मिली स्टे हट जाएगी। एसडीएम साउथ कोर्ट की प्लॉट का कब्जा खाली करवाने की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।

चीफएडमिनिस्ट्रेटर ने लगाई थी कंडीशनल रोक: निगमने होटल साइट की लीज मनी 7.81 करोड़ बनाकर कंपनी को 10 नवंबर की हियरिंग दी। उसमें कंपनी की ओर से बकाया जमा करवाने पर कोई प्लानिंग नहीं दी। इस पर एडिशनल कमिश्नर उमाशंकर गुप्ता ने सेक्टर 35 की लोक प्रिया कंपनी की अलॉटमेंट रद्द कर दी और उसके प्लॉट से कब्जा खाली करवाने के एसडीएम साउथ को ऑर्डर कर दिए।

एसडीएम साउथ सौरभ मिश्रा ने 16 नवंबर को होटल जेडब्ल्यू मैरियट आगे ऑर्डर चस्पा दिए इसमें कहा गया कि कंपनी 21 नवंबर को एसडीएम साउथ कोर्ट में अपना पक्ष रखे। हियरिंग में कंपनी के वकील ने तर्क दिया था कि जब चीफ एडमिनिस्ट्रेटर के पास पिटीशन दाखिल हो जाती है तो एसडीएम कोर्ट प्रॉपर्टी से कब्जा खाली करवाने का ऑर्डर पास नहीं कर सकते हैं। ऐसी प्रशासन की नोटिफिकेशन है। इसके बाद एसडीएम कोर्ट ने कंपनी को 12 दिसंबर की डेट दी। उस दिन एसडीएम साउथ के छुट्टी पर रहने के कारण अगले दिन कंपनी को 19 दिसंबर की हियरिंग डेट दी, लेकिन 18 दिसंबर को चीफ एडमिनिस्ट्रेटर एके सिन्हा की कोर्ट में कंपनी को स्टे मिल गई। कंपनी के वकीलों ने चीफ एडमिनिस्ट्रेटर की कोर्ट में पक्ष रखा कि एमसी ने गलत ऑर्डर जारी किए हैं। कंपनी ने लीज मनी का एमसी को 5 करोड़ रुपए देना है, लेकिन एमसी ने ब्याज पर ब्याज लगाकर इसे 7.81 करोड़ रुपए बना दिया है।

एडिशनल कमिश्नर अनिल कुमार गर्ग का कहना है कि जेडब्ल्यू मैरियट होटल को चलाने वाली कंपनी ने पहली किस्त के 2.5 करोड़ रुपए जमा करवाई है। अब दूसरी किस्त 31 जनवरी को देनी है। अगर दूसरी किस्त नहीं आती है तो कंपनी पर कार्रवाई होगी। अगर दूसरी किस्त जमा हो जाती है तो कोई कार्रवाई नहीं बनती है।

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