Virat Kohli

टीम इंडिया की सीओए से मांग- 2019 विश्व कप के दौरान पूरे समय मिले पत्नियों का साथ

इंग्लैंड में 2019 विश्व कप खेला जाना है। टीम इंडिया तीसरी बार चैंपियन बनने की तैयारियों में जुटी हुई है। हालांकि, इस बार टीम इंडिया ने मांग रखी है, जिस पर बातचीत का दौर जारी है। भारतीय टीम के क्रिकेटरों ने विश्व कप के दौरान पूरे समय अपनी पत्नियों का साथ मिलने की मांग रखी है। इसके अलावा उन्होंने एक रिजर्व ट्रेन कोच और केले की भी मांग की है।

बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (सीओए) के सामने यह मांगे रखी गई हैं। हाल ही में हैदराबाद में हुई समीक्षा बैठक में सीओए से कहा गया कि विश्व कप के दौरान खिलाड़ियों को अपनी पत्नियों को साथ में रहने की इजाजत दी जाए। वहीं सड़क यातायात के बजाय ट्रेन से सफर करने की छूट मिले। हां, नाश्ते में केले की व्यवस्था जरूर की जाए।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सीओए केले की मांग जानकर हैरान रह गया। सूचना मिली है कि इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड दौरे के दौरान भारतीय क्रिकेटरों द्वारा पंसदीदा फल की मांग को पूरा नहीं कर सका था। इस पर सीओए ने कहा कि खिलाड़ियों को टीम मैनेजर से कहना चाहिए था कि बीसीसीआई के खर्चे पर केले खरीदे जाएं।

बता दें कि टीम इंडिया का इंग्लैंड दौरा अच्छा नहीं बीता था। टी-20 सीरीज जीतने के बाद वन-डे और टेस्ट सीरीज में उसे करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इस महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू हुई टेस्ट सीरीज से पूर्व समीक्षा बैठक में कप्तान विराट कोहली सहित अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, कोच रवि शास्त्री और चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद शामिल हुए थे।

बता दें कि टीम इंडिया का इंग्लैंड दौरा अच्छा नहीं बीता था। टी-20 सीरीज जीतने के बाद वन-डे और टेस्ट सीरीज में उसे करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। इस महीने वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू हुई टेस्ट सीरीज से पूर्व समीक्षा बैठक में कप्तान विराट कोहली सहित अजिंक्य रहाणे, रोहित शर्मा, कोच रवि शास्त्री और चयन समिति के अध्यक्ष एमएसके प्रसाद शामिल हुए थे।

इसके अलावा पत्नियों को साथ रखने के अनुरोध पर सीओए ने कहा कि वह कोई निर्णय लेने से पहले सभी सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से लिखित सहमति मांगेगा। वहीं सीओए ने ध्यान दिलाया कि पत्नियों को अलग से मैदान में ले जाने का इंतजाम किया जाएगा। दरअसल, टीम इंडिया को अब ऑस्ट्रेलिया का दौरा करना है। सूत्र ने कहा कि कई बार देखने को मिला कि कुछ खिलाड़ी अपनी पत्नियों के साथ निजी गाड़ी से मैदान में पहुंचे। बोर्ड इस पर रोक लगाना चाहता है क्योंकि उसका मानना है कि इससे टीम की बॉडिंग पर असर होता है।

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