दंगाइयों पर गोली चलाना पुलिस की कोई गलती नहीं
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की फुल बेंच इस मामले में सुरक्षा बलों के साथ खड़ी दिखाई दी। यदि कोई युद्ध जैसे हालात पैदा करेगा तो उसे युद्ध की तरह की जवाब मिलेगा। हम दंगाइयों के हाथों पुलिस को नहीं पिटते देखना चाहते बल्कि दंगाइयों को सबक सिखाने वाली पुलिस चाहते हैं। हाथ में पेट्रोल बम लेकर खड़े व्यवस्था के खिलाफ खड़े लोगों पर गोली चलाने में कोई बुराई नहीं है।
डेरा मुखी को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला सहित पंजाब-हरियाणा में बने हालातों और डेरा समर्थकों द्वारा की गई तोड़फोड़ और आगजनी को हाईकोर्ट ने युद्ध जैसे हालात करार दिया। कोर्ट ने कहा कि पेट्रोल बम, एके 47 और अन्य घातक हथियारों के साथ शांतिपूर्वक प्रदर्शन नहीं होता। जिस प्रकार हथियारों की बरामदगी हुई है उसे देखते हुए पुलिस कार्रवाई बिलकुल सही है। हाईकोर्ट ने कहा की यदि युद्ध जैसी स्थिति बन जाए तो ऐसी स्थिति से उसी तरह निपटना जरूरी हो जाता है।
पुलिस और सुरक्षा बलों ने जिस सख्ती के साथ इस दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई की है उसी का नतीजा है कि इस पूरी स्थिति पर कुछ ही घंटों में काबू पा लिया गया वरना हालात जाट आरक्षण आंदोलन जैसे हो जाते। सुरक्षाबलों ने अपनी इस कार्रवाई से लोगों में एक संदेश दिया है कि दोबारा अगर किसी ने इस तरह की हरकत की तो उनके खिलाफ भी ऐसी ही सख्त कार्रवाई की जाएगी। जस्टिस एसएस सरों, जस्टिस सूर्यकांत एवं जस्टिस अवनीश झिंगन की खंडपीठ ने कहा कि पुलिस कभी कमजोर और पीड़ित नजर नहीं आनी चाहिए।