Privet School

पंजाब के प्राइवेट स्कूलों में लागू नहीं शिक्षा का अधिकार

-नेता विपक्ष सुखपाल खैहरा का आरोप, सरकार नहीं चाहती गरीबों के बच्चे भी लें अच्छी शिक्षा

-विधानसभा के बजट सत्र में उठाएंगे मुद्दा, 7 वर्षो से लटका है मामला

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी के विधायक व विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा है कि पंजाब सरकार राइट टू एजुकेशन एक्ट (आरटीई) को लेकर गंभीर नहीं है। यही वजह है कि पंजाब के निजी स्कूलों में 7 वर्षो में इस एक्ट को सरकार ने इस तर्क के साथ लागू नहीं होने दिया कि सरकारी स्कूलों में ही गरीबों के बच्चे पढ़ाई करेंगे। उन्होंने कहा कि विधानसभा के आगामी बजट सत्र में वह इस मुद्दे को उठाएंगे।

एक सवाल के जवाब में खैहरा ने कहा कि 2009 में केंद्र सरकार ने हर बच्चे को शिक्षा के अधिकार के तहत आरटीई को लागू किया था। पंजाब में इसे दो साल बाद तत्कालीन अकाली-भाजपा सरकार ने लागू किया। उसके बाद सरकार ने केंद्र सरकार को यह तर्क दिया कि पंजाब के सरकारी स्कूलों में पहले गरीब बच्चों का दाखिला होगा, जब सरकारी स्कूलों में सीटें फुल हो जाएंगी, तो निजी स्कूलों में यह एक्ट लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उसके बाद से लेकर आजतक पंजाब के निजी स्कूलों में यह एक्ट लागू ही नहीं किया जा सका।

उन्होंने आरोप लगाया कि न तो अकाली-भाजपा सरकार ने बीते दस साल के कार्यकाल में सरकारी स्कूलों की सुध ली और न ही काग्रेस सरकार इस तरफ ध्यान दे रही है। इसके चलते सात साल बाद भी आरटीई को निजी स्कूलों में लागू नहीं किया जा सका है। उन्होंने कहा कि कैग कि रिपोर्ट में भी इस बात का खुलासा हुआ है कि पंजाब के सरकारी स्कूलों की हालत खस्ता है और सरकार इस तरफ ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि एक्ट में स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि जिन भी स्कूलों की ओर से 25 फीसद गरीब बच्चों को आरटीई के तहत दाखिला न दिया जाए, उनकी एनओसी रद कर दी जाए।

प्रकाशोत्सव को लेकर नहीं मिला निमंत्रण

खैहरा ने कहा कि प्रकाशोत्सव को लेकर अकाली दल व एसजीपीसी का गठबंधन सामने आया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें सरकार की तरफ से ऑल पार्टी बैठक को लेकर बतौर नेता प्रतिपक्ष कोई निमंत्रण नहीं आया है। कहा कि एसजीपीसी प्रकाशोत्सव को लेकर सरकार के साथ शामिल नहीं है, इससे सिद्ध हो गया कि अकालियों व एसजीपीसी का गठबंधन अभी भी जारी है।

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