Janhvi Kapoor

बेटियों के लिए खुद मछली खरीदने जाती थीं श्रीदेवी, जाह्नवी ने शेयर किया ‘मॉम’ का वह डरावना सफर…

श्रीदेवी अपनी बेटी जाह्नवी कपूर की डेब्यू फिल्म भी न देख पाईं। इस बात का अफसोस न सिर्फ उनके परिवार को बल्कि फैन्स को भी है। अब जब उनकी बेटी फिल्म प्रमोशन के सिलसिले में लोगों और मीडिया से रूबरू हो रही हैं, तो उन्होंने मां से जुड़ी कई रोचक जानकारियां और किस्से साझा किये हैं…

नारंगी फिश

मां जब फिल्मों से दूर थीं, तो खुद फिश मार्केट जाया करती थीं। वह चेक करती थीं कि मछली ताजी है या नहीं। वह पॉम्फ्रेट वगैरह लेती थीं और मैं हमेशा एक नारंगी रंग की फिश। फिर मॉम मुझे मछली पकाकर खिलाती थीं और मैं उस नारंगी मछली को पतीली के पानी में डालकर घुमाती रहती थी।

पेंटिंग एग्जीबिशन

मम्मा को पेंटिंग का शौक था। चेन्नई के हमारे घर में उन्हें पेटिंग में बहुत मजा आता था। एक बार मैंने व खुशी ने तीन-चार पेंटिंग बनाईं। हम छोटे थे। हमने मेरे रूम में घर के लोगों के लिए पेंटिंग एग्जीबिशन रखी। रूम में एंट्री फीस रखते हुए सबसे कहा कि उन्हें पेंटिंग खरीदना भी जरूरी है। सबसे मजेदार यह कि उनके रूम से निकलने के लिए हमने एक्जिट फीस भी रखी।

डरावना सफर

‘मॉम’ की शूटिंग के वक्त हम जॉर्जिया के एक छोटे-से गांव में थे। नेटवर्क नहीं था। ऊंचे पहाड़। खाने के लिए बस ब्रेड-आलू। खराब मौसम के कारण पांच दिन की शूटिंग में पंद्रह दिन लगे। मां बहुत परेशान हो गईं। देर रात हम निकले। नौ घंटे का सफर था। ऊंचे पहाड़ से उतरते हुए, चार-पांच फुट चौड़ी सड़क और ड्राइवर नशे में गाड़ी चला रहा था।

हर रोज स्कूल नहीं जाती थीं जाह्नवी

जाह्नवी कपूर ने बताया कि उन्होंने बारहवीं तक इंटरनेशनल बोर्ड में पढ़ाई की है। लेकिन उनकी अटेंडेंस सिर्फ तीस फीसदी थी, क्योंकि वह मां-पापा के साथ शूटिंग में ज्यादा रहती थीं। उनका कहना है कि दुनिया घूमते हुए, मम्मा-पापा के साथ रहकर उन्होंने ज्यादा सीखा। इतिहास और अंग्रेजी में खास दिलचस्पी थी। मैं कविताएं भी लिखती हूं।

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