वहां से तीनों को 15 जून तक के लिए पुलिस

वहां से तीनों को 15 जून तक के लिए पुलिस

वहां से तीनों को 15 जून तक के लिए पुलिस

कंस्ट्रक्शन कंपनियों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाकर भारी मात्रा में काला धन इकट्ठा करने के मामले में विजिलेंस ने गमाडा के पूर्व चीफ इंजीनियर व मंडी बोर्ड के मौजूदा एसई सुरिंदर पाल सिंह व दो अन्यों को गिरफ्तार किया है। दो अन्य की पहचान ओंकार बिल्डर एंड कंस्ट्रक्शन के गुरमेल सिंह और मोहित कुमार के रूप में हुई है। तीनों को शनिवार को मोहाली कोर्ट में पेश किया गया।
वहां से तीनों को 15 जून तक के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। रिमांड लेने के लिए विजिलेंस के अधिकारियों ने कोर्ट में दलील दी कि सुरिंदरपाल सिंह ने परिवार के सदस्यों और अपनी बोगस कंपनियों के सहारे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया है।

साथ ही 2011 से 2017 तक उन्होंने 1023 करोड़ के टेंडर अपनी कंपनियों को अलॉट कर मुनाफा कमाया है। इस दौरान कई जगह अपनी पावर का गलत इस्तेमाल भी किया है। जिक्रयोग है कि विजिलेंस ब्यूरो की ओर से शुक्रवार को गमाडा के पूर्व चीफ इंजीनियर पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया गया था।

गमाडा के पूर्व चीफ इंजीनियर गिरफ्तार
विजिलेंस की जांच में सामने आया है कि गुरमेल सिंह मंडी बोर्ड से एसडीओ के पद से रिटायर्ड हुए हैं, जबकि मोहित कुमार एसपी सिंह की बोगस कंपनी में 30 हजार की नौकरी करता था। बाद में दोनों ही कंपनी में डायरेक्टर बन गए थे। इसके बाद उन्होंने मिलकर सरकारी खजाने को चूना लगाया।

आठ लाख कैश और लैपटॉप कब्जे में लिया
विजिलेंस ने ओंकार कंपनी के आफिस से आठ लाख रुपये कैश, कई प्रोजेक्टों से जुड़ी फाइलें और एक लैपटॉप बरामद किया है। विजिलेंस अब लैपटॉप को खंगाला रही है। उम्मीद है कि लैपटॉप से कई अहम जानकारियां हाथ लगेंगी।

तीन बार पेश हुए, रिमांड की जरूरत नहीं
बचाव पक्ष की ओर से अदालत में पेश हुए वकीलों ने दलील दी कि आरोपियों को विजिलेंस ने तीन बार अपने कार्यालय में बुलाया था। इस दौरान आरोपियों ने विजिलेंस को दस्तावेज भी मुहैया करवाए थे। ऐसे में अब इनको रिमांड की जरूरत नहीं है। इनको ज्यूडीशियल कस्टडी पर भेजा जाना चाहिए। हालांकि, इसके बावजूद इनको पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।

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