Gunman Used To Recover

सुबह 5 बजे जिप्सी के साथ नाका लगाकर वसूली करता था गनमैन, फिर ऐसे हुआ अरेस्ट

गनमैन रशपाल सिंह यूज कर रहा था और डम्मी एसएचओ के तौर पर काम कर रहा था।

मोहाली. घडूंआं थाने के एसएचओ साहब सिंह ने गनमैन रशपाल सिंह को पूरी शह दे रखी थी। यहां तक कि रशपाल सिंह को स्पेशल एनजीओ का ऑफिस दिया हुआ था। इस रूम में रशपाल सिंह एसएचओ के लिए लेनदेन का काम करता था। यहां तक कि एसएचअो की जिप्सी चलाने से लेकर उसके घर के काम भी करता था। थाने के कर्मचारियों का कहना है कि साहब सिंह तो कागजों में एसएचओ थे, लेकिन उनकी पावर गनमैन रशपाल सिंह यूज कर रहा था और डम्मी एसएचओ के तौर पर काम कर रहा था।

विजिलेंस टीम ने जब रशपाल के उस रूम की सर्च की तो वहां से पांच डायरियां मिलीं। इनमें माइनिंग करने वाले और रेत ले जाने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉलियों टिपरों के मािलकों और उनके ड्राइवरों के नाम फोन नंबर लिखे थे। विजिलेंस ने ये पांचों डायरियां कब्जे में लेकर शनिवार देररात एसएचओ साहब सिंह को भी मामले में नामजद कर लिया। दोनों को रविवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। वहां से उन्हें दो दिन के रिमांड पर भेज दिया गया। हालांकि विजिलेंस ने 3 दिन का रिमांड मांगा था।

जिसके कागजात पूरे, उससे भी करते थे जबरन वसूली

विजिलेंस डीएसपी तेजिंदर सिंह ने बताया कि एसएचओ साहब सिंह गनमैन रशपाल सिंह के पकडे जाने के बाद कई लोगों के फोन रहे हैं। ज्यादातर फोन मोरिंडा- चमकौर साहब एरिया से ट्रांसपोर्टरों के रहे हैं। अधिकतर का कहना था कि इन दोनों ने इतना भ्रष्टाचार फैला रखा था कि खरड़-मोरिंडा मार्ग पर अगर कोई टिपर या ट्राॅली चालक जाता था तो उससे जबरन वसूली की जाती थी। चाहे किसी के कागजात पूरे ही क्यों हों और उसके पास माइनिंग की स्लिप भी हो। इन लोगों ने प्रति चक्कर के पैसे फिक्स कर रखे थे।

जहां-जहां एसएचओ, वहां गनमैन रशपाल साथ

विजिलेंस टीम ने पुराना रिकाॅर्ड खंगाला तो पाया कि दो साल पहले पटियाला से साहब सिंह मोहाली ट्रांसफर हुआ था। सबसे पहले वह हंडेसरा में एसएचअो रहा। यहां साहब सिंह हेडकाॅन्स्टेबल रशपाल सिंह को साथ लाया। दोनों ने यहां खूब भ्रष्टाचार फैलाया, जिस कारण साहब सिंह को नयागांव भेज दिया गया। यहां भी उसका गनमैन रशपाल सिंह ही रहा। उनकी शिकायतें मिलने पर करीब दो महीने पहले साहब सिंह को घडूंआं भेज दिया गया। यहां भी रशपाल सिंह उसके साथ ही गया।

फेज-8 स्थित विजिलेंस आॅफिस में जब एसएचओ साहब सिंह उनके गनमैन को आमने-सामने बैठाया तो गनमैन ने साहब सिंह से कहा-जनाब वसूली कर आपको तो देता था। दोनों की आमने-सामने हुई बात को विजिलेंस टीम ने रिकाॅर्ड कर लिया। इस रिकॉर्डिंग का फायदा विजिलेंस को कोर्ट में मिलेगा।

एसएचओ ने गनमैन को दिया था स्पेशल रूम

विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि घडूंआं को जिला पुलिस द्वारा हाल ही में थाने का दर्जा दिया गया था, लेकिन यह पक्का थाना नहीं है। इसकी एफआईआर सदर खरड़ पुलिस स्टेशन में दर्ज की जाती थी। इस थाने में करीब 15 पुलिस मुलाजिम हैं, जिनमें दो एनजीओ हैं। लेकिन उनके बैठने के लिए कोई आॅफिस नहीं था, जबकि एसएचओ साहब सिंह ने अपने गनमैन रशपाल सिंह को स्पेशल एनजीओ का रूम दिया हुआ था।

नाके की आड़ में जबरन वसूली

विजिलेंस डीएसपी तेजिंदर सिंह ने बताया कि जांच में पता चला कि डीएसपी खरड़ कंवलदीप सिंह ने घडूंआं पुलिस स्टेशन के इंचार्ज साहब सिंह को रूटीन में नाका लगाने के लिए निर्देश दिए थे। साहब सिंह ने अपने गनमैन रशपाल सिंह को कहा। नाकों के दौरान रशपाल सिंह ने माइनिंग रेत ले जाने वाले वाहन चालकों से जबरन वसूली शुरू कर दी। शिकायतकर्ता जरनैल सिंह के पास टिपर के पूरे कागजात थे, जिसके बावजूद उससे 10 हजार रुपए मांगे गए। पूछताछ के दौरान रशपाल ने बताया कि वह सुबह 5 बजे एसएचओ की जिप्सी खरड़-मोरिंडा रोड पर लगाकर वसूली शुरू कर देता था।

विजिलेंस सूत्रों के अनुसार शिकायतकर्ता जरनैल सिंह जब रशपाल को बकाया 3 हजार रुपए देने गया तो रश्पाल सीएम ड्यूटी पर तैनात था। वहीं उसने जरनैल को आने को कहा और रंग लगे नोट पकड़ लिए। उसी समय विजिलेंस ने उसे पकड़ लिया। रशपाल ने एसएचओ का नाम लिया तो विजिलेंस टीम साहब सिंह को पकड़ने के आगे बढ़ी, लेकिन साहब सिंह लोगों के बीच भागने लगा। टीम ने उसे पकड़ लिया और देररात उसे मामले में नामजद कर लिया।

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