Dispensary

28 Years Later The Building Was Built But Not A Doctor

28 साल से लोगों की मांग पर सैक्टर-12 में डिस्पैंसरी का इसी साल मई में सांसद रतन लाल कटारिया और स्थानीय विधायक ज्ञान चंद गुप्ता की ओर से डिस्पैंसरी का उद्घाटन किया गया था। इस पर 94 लाख रुपए का खर्च आया था। लोगों को आस थी कि डिस्पैंसरी खुलने से इलाज के लिए सिविल अस्पताल या अन्य सैक्टर नहीं जाना पड़ेगा।

यहां डिस्पैंसरी की बिल्डिंग तो तैयार कर दी गई, पर डॉक्टर्स व मैडीकल से संबंधी कोई भी सामान नहीं है। अब इसी बिल्डिंग में आयुष्मान सैंटर खोला गया। अब डिस्पैंसरी का क्या फायदा। बता दें कि सैक्टर-12 के पास रैला गांव की आबादी करीब 3000 है। लोगों को सैक्टर-6 स्थित सिविल अस्पताल जाना पड़ता है।

तो सामान्य अस्पताल में कम होगी लोगों की भीड़

टैस्ट की रिपोर्ट लेने के लिए कई घंटे इंतजार करने के लिए समय बर्बाद होता है। लोगों को घर के पास सुविधा मिल जाए तो सैक्टर-6 स्थित सिविल अस्पताल लोगों की भीड़ कम हो होगी। शहर के लोगों को आम सुविधाओं से जुड़ी नई सौगात सैक्टर-12 स्थित राजकीय औषधालय का शुभारंभ 29 मई को किया था। यहां एक वेटिंग रूम, एक माइनर ऑप्रेशन रूम, एक एक्स-रे रूम, एक डार्क रूम, एक रजिस्ट्रेशन और रिकार्ड रूम, एक ड्रैसिंग रूम आदि रूम बनाए हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर अधूरा

28 साल के इंतजार के बाद सैक्टर-12 में डिस्पैंसरी शुरू होने थी। बिल्डिंग तो बन गई और उद्घाटन भी हो गया। सिर्फ दीवारें ही बनी हैं बाकी का इंफ्रास्ट्रक्चर अधूरा ही है। वहीं समाज सेवक राकेश अग्रवाल ने कहा कि सैक्टर-12 में डिस्पैंसरी खुलवाने के लिए संघर्ष किया था।

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