शुक्रवार को दशहरे की रात को इस साल पहली बार एयर पॉल्यूशन पुअर कैटेगरी में पहुंच गया। चंडीगढ़ पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (सी.पी.सी.सी.) से मिली जानकारी के अनुसार इस सीजन शहर की हवा इससे अधिक कभी खराब नहीं हुई। यही नहीं, अधिकारियों ने इसे अभी से ही खतरे की घंटी करार दे दिया है।
यही नहीं, अब प्रशासन का पूरा फोकस दीवाली की रात शहर में आतिशबाजी को कंट्रोल करने पर है। इसके लिए अब जल्द ही सी.पी.सी.सी. स्कूल मैनेजमैंट के साथ मिलकर अवेयरनैस प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है। सी.पी.सी.सी. ने इसे ‘हरित दीवाली’ मुहिम का नाम दिया है।
सी.पी.सी.सी. के वाइस चेयरमेन देबेंद्र दलाई का कहना है कि पटाखों की वजह से शुक्रवार को वायु प्रदूषण का लेवल बढ़ गया था। आतिशबाजी अधिकतर बच्चे ही करते हैं इसलिए उन्हें जागरुक करना सबसे जरूरी है। इसलिए शहर के सभी स्कूलों को इस बारे में सर्कुलर भेज दिया गया है कि बच्चों को इस मुहिम से जोड़ा जाए।
शनिवार को भी स्थिति नहीं हुई ठीक :
आतिशबाजी के साथ ही एयर क्वालिटी इंडैक्स में पी.एम.-2.5 और पी.एम.-10 की स्थिति भी गंभीर संकेत देने लगती है। आतिशबाजी का इतना अधिक असर हुआ कि शनिवार दोपहर 2 बजे तक भी हवा सैटिसफैक्ट्री की कैटेगरी में नहीं आ पाई। मशीन में एयर क्वालिटी इंडैक्स 140 के आसपास पहुंचा हुई था। जो कि रात को बढ़कर अधिक होने की उम्मीद जताई जा रही है।
शहर को 3 जोन में बांटा जाएगा :
दीवाली की रात शहर को तीन जोन में बांटा जाएगा। जिसमें सैक्टर-22 (रेजिडेंशियल जोन), सैक्टर-29 (साइलैंस जोन) और सैक्टर-17 (कमर्शियल जोन) के एरिया शामिल होंगे। सी.पी.सी.सी. द्वारा दीवाली की रात इन्हीं जोन के आधार पर एयर पॉल्यूशन का डाटा एकत्रित किया जाएगा। पिछले साल अवेयरनेस कैंपेन का असर दीवाली की रात हुई आतिशबाजी पर तब दिखा था जब ध्वनी प्रदूषण के मामले में स्थिति ठीक थी।
शुक्रवार का एयर क्वालिटी इंडैक्स
दोपहर दो बजे 134 मॉडरेट
रात 8 बजे 247 पुअर
रात 9 बजे 281 पुअर