Sidhu

Now Punjab’s Ministers Targets On Navjot Singh Sidhu

पंजाब में एक कदम और आगे बढ़ा सिद्धू-कैप्टन विवाद, मंत्री धर्मसोत बोले-इस्तीफा दें नवजोत

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मुखर होने के बाद पंजाब के मंत्रियों ने भी सिद्धू के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोल दिया है। कैबिनेट मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा और सुखजिंदर सिंह रंधावा के बाद वन मंत्री साधू सिंह धर्मसोत ने सोमवार को कहा कि सिद्धू अगर कैप्टन के साथ काम नहीं कर सकते तो उन्हें राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए।

कैप्टन ने रविवार को सिद्धृ के आरोपों पर कहा था कि सिद्धू महत्वाकांक्षी हैं और मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं। उनकी बयानबाजी से पार्टी को नुकसान हो रहा है। उन्हें पार्टी से बाहर निकाल देना चाहिए। इसके अगले दिन धर्मसोत ने कहा कि सिद्धू की हालिया टिप्पणी पार्टी अनुशासन के खिलाफ है और पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है।

सिद्धू की टिप्पणी ऐसे समय में आई, जब पूरी कांग्रेस एकजुट होकर यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ रही है कि पार्टी पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करे। पार्टी आलाकमान को उनकी टिप्पणियों पर ध्यान देना चाहिए। अगर सिद्धू को लगता है कि वह कैप्टन अमरिंदर जी के साथ काम नहीं कर सकते, तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सिद्धू की महत्वाकांक्षाएं बहुत अधिक हैं और वे जहां भी जाते हैं, वहां संतुष्ट नहीं रहते हैं। जब वह भाजपा में थे, तब वे वहां संतुष्ट नहीं थे। आज वह मुख्यमंत्री पद पर नजरें गड़ाए हुए हैं, कल प्रधानमंत्री की कुर्सी भी उन्हें संतुष्ट नहीं कर सकती। इसलिए, वह जहां भी जाते हैं, उनके साथ समस्याएं रहती हैं।

यहां से शुरू हुआ विवाद

– मुख्यमंत्री और सिद्धू के बीच मतभेद पिछले साल अगस्त में सामने आए थे, जब सिद्धू पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने गए थे। वहां उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख को गले लगाया। इस पर कैप्टन ने नाखुशी जाहिर की थी।

– इस घटना के कुछ महीनों बाद सिद्धू ने फिर एक बयान में कहा कि कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ही उनके कैप्टन हैं और अमरिंदर सिंह तो सेना के कैप्टन रहे हैं।

– इसके बाद पिछले सप्ताह सिद्धू की पत्नी ने आरोप लगाया कि कैप्टन और पंजाब मामलों की पार्टी प्रभारी आशा कुमारी के कहने पर उनका टिकट काटा गया है। इस पर सिद्धू ने कहा था कि उनकी पत्नी झूठ नहीं बोलतीं।

– फिर 17 मई को सिद्धू ने राज्य में कांग्रेस सरकार को धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मुद्दे पर घेरते हुए सवाल किया था कि 2015 की बेअदबी और गोलीबारी की घटनाओं के संबंध में बादल के खिलाफ कोई प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई? क्या कोई फ्रेंडली मैच चल रहा है। बठिंडा में कांग्रेस के उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वाड़िंग के पक्ष में प्रचार कर रहे सिद्धू ने यहां तक कहा था कि अगर 2015 की बेअदबी की घटनाओं पर कार्रवाई नहीं होती है तो वे इस्तीफा दे देंगे।

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