चंडीगढ़ : रॉक गार्डन मे लाखो रुपये की लागत से फ्लैप बैरियर लगाए गए। 15 दिसंबर 2017 को रॉक गार्डन के निर्माता नेकचंद सैनी की जयंती पर फ्लैप बैरियर शुरू भी कर दिया गया था, लेकिन यह सिर्फ उद्घाटन के दिन ही चल पाया। तब से अब तक भी यह नियमित तौर पर शुरू नही हो सका है। इससे साफ है कि नंबर बनाने के लिए अधूरी तैयारी मे ही प्रोजेक्ट को शुरू कर रिबन कटा लिया जाता है। फिर चाहे वह काम करे या नही इससे कोई फर्क नही पड़ता। फ्लैप बैरियर बद होने से पहले की तरह मेनुअल तौर पर टिकट चेक करने के बाद एंट्री हो रही है।
मेनुअल मे बिना टिकट पर्यटको पर रोक लगाने और मैनपॉवर पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए ही यह फ्लैप बैरियर लगाए गए है। फ्लैप बैरियर से मेट्रो की तरह एंट्री होगी। टिकट काउंटर पर पर्यटक को टोकन जारी किया जाएगा। जिससे एंट्री के बाद वह एग्जिट प्वाइंट पर टोकन को मशीन मे डालकर ही बाहर निकल सकेगा। रॉक गार्डन मे एंट्री टिकट 40 रुपये लगती है। पहले 10 हजार टोकन एंट्री जरूरअधिकारियो का कहना है कि फ्लैप बैरियर तैयार है, लेकिन टोकन रजिस्ट्रेशन का काम चल रहा है। 10 हजार टोकन एंट्री के बाद फ्लैप बैरियर शुरू कर दिए जाएंगे। कम मे इसे शुरू नही किया जा सकता है। इसका कारण यह है कि रॉक गार्डन देखने एक दिन मे औसतन 30 हजार पर्यटक आते है। रॉक गार्डन देखने मे एक घंटे से अधिक का समय लग जाता है। ऐसे मे जो पर्यटक टोकन अंदर लेकर जाएंगे, वह उनके एग्जिट होने तक उनके पास रिजर्व रहेगे। ऐसे मे बैकअप के लिए टोकन होगे तभी आगे पर्यटको को अंदर भेजा जा सकेगा।