जन्मतिथ‌ि में खेल, 10वीं में 'फेल', दो रेप केस, 20 साल की जेल

जन्मतिथ‌ि में खेल, 10वीं में ‘फेल’, दो रेप केस, 20 साल की जेल

जन्मतिथ‌ि में खेल, 10वीं में ‘फेल’, दो रेप केस, 20 साल की जेल

सिरसा के डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के जन्म से लेकर अब तक जो जो बात सामने आई हैं, वे चौंकाने वाली हैं। सभी के बकायदा सबूत मौजूद हैं, जो झुठलाए नहीं जा सकते दस्तावेज के मुताबिक देखा जाए तो गुरमीत राम रहीम का जन्मदिवस 15 अगस्त 1967 को नहीं बल्कि 10 जुलाई 1967 को पंजाब की तहसील अबोहर के गांव कीकरखेड़ा में अपनी ननिहाल में हुआ था। माता नसीब कौर के मुताबिक गुरमीत का नाम पहले हरपाल था, इनके बर्थ सर्टिफिकेट पर भी इनका नाम हरपाल ही लिखा गया है और जन्म तारीख 10 जुलाई 1967 है। हरपाल के पिता मग्घर सिंह ही उसे राजस्थान के श्री गंगानगर के गांव गुरुसर मोडिया में दादा चेत सिंह के घर लाये जहां उसका नाम गुरमीत सिंह डेरे के संपर्क में रखा गया। इसी दौरान उसने देश की आजादी वाले दिन को अपना जन्मदिन बनाया था, जिससे उसको प्रचार मिले। 10वीं में उनकी सप्‍लीमेंट्री आ गई। 10वीं के सर्टिफिकेट में उनकी जन्म तारीख 15 अगस्त 1967 है।
गुरमीत का परिवार चूंकि सिरसा के डेरा सच्‍चा सौदा आता रहता था, इसलिए डेरा के गद्दीनशीं शाह सतनाम महाराज ने 1990 में उसे डेरे का संचालन का जिम्मा सौंप दिया। गुरमीत सिंह ने लगभग चार साल बाद अपने नाम के साथ गुरमीत राम रहीम सिंह जोड़ लिया। पंजाब में आतंकवाद के सताए लोगों का जमावड़ा भी सिरसा की ओर बढऩे लगा। बाद में पंजाब के सलावत पुरा स्थित डेरा में जाम ए इंसा को इजाद करते हुए नाम के आगे इंसां शब्द ओर जोड़ दिया बात साल 2002 की है। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के नाम एक गुमनाम चिट्ठी आई, जो तीन पेज की थी। ये चिट्ठी एक महिला की ओर से भेजी गई थी। इसमें डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की शिकायत की गई। डेरामुखी पर यौन शोषण व दुष्कर्म का आरोप लगाया गया और लिखा गया कि बाबा साध्वियों का यौन शोषण करते हैं। चिट्ठी में दो साध्वियों का भी जिक्र था, जिनके साथ प्रताड़ना होने की बात कही गई थी। पीएमओ ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सितम्बर 2002 में सीबीआई को इस मामले में जांच के आदेश दिए। सीबीआई ने जांच में आरोप सही पाए और डेरामुखी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। 15 साल तक कोर्ट में सुनवाई चली। तारीख-दर-तारीख 200 से ज्यादा सुनवाई और अब जाकर इस मामले में राम रहीम को दोषी करार करार दिया गया और उन्हें 20 साल की सजा हुई। मौजूदा समय में राम रहीम रोहतक जेल में सजा काट रहे हैं।

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