डेरे में खुदाई चल रही थी कि अचानक एक ऐसी चीज निकलकर सामने आ गई, जिसे देख आंखें फटी रही गई और देखने वालों का तांता लग गया, देखिए।
मामला पंजाब के बरनाला का है। डेरा बाबा गांधा सिंह की जमीन से करीब 23 हजार वर्ग फीट लंबा-चौड़ा प्राचीन सूखा तालाब निकला है। इसका नवीनीकरण करने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अपने हाथ में लिया है। यह तालाब बारीक ईंटों एवं चूना-मिट्टी से बना है।
तालाब किस समय का है, इसकी पुष्टि सांस्कृतिक, पर्यटन एवं पुरातत्व विभाग के अधिकारियों ने नहीं की है। लेकिन इसे करीब 300 साल पुराना बताया जा रहा है। डेरा बाबा गोइंदवाल चरणपाल के मुखी बाबा सुबेग सिंह की ओर से तैनात किए गए जत्थेदार बाबा राजपाल सिंह ने दावा किया है कि इस जगह पर बाबा आला सिंह की पुत्री प्रधान कौर तपस्या करती थीं।
कुछ साल पहले गुरुद्वारा का नामकरण किया गया और प्रधान कौर के नाम पर ही नया नाम रखा गया। एसजीपीसी सदस्य परमजीत सिंह खालसा, प्रधान कौर के इतिहास से संबंधित सरोवर की खोज कर रहे थे। इस बीच डेरे में सरोवर निर्माण करने के लिए जेसीबी से खुदाई शुरू की गई। जैसे-जैसे खुदाई हुई, जमीन के नीचे से ईंटें निकलना शुरू हो गईं।
जत्थेदार ने बताया कि ईंटें देखकर सभी को हैरानी हुई, लेकिन अब नींव तलाशने की जद्दोजहद थी तो खुदाई जारी रखी गई। देखते ही देखते पूरा तालाब निकल गया और इस तालाब की नींव 23 फीट गहराई पर खत्म हो गई। इसके बाद एसजीपीसी सदस्यों के साथ बैठक की गई और युद्ध स्तर पर 31 जनवरी को खुदाई करने के लिए कारसेवा शुरू कराई गई।
इसी वर्ष तैयार हो जाएगा सरोवर
सूखे तालाब को बाबा आला सिंह सिंह की पुत्र बीबी प्रधान कौर के तप स्थान से जोड़ा जा रहा है। तैयार होने के बाद इस सरोवर की कुल गहराई 20 फीट रखने की योजना है। व्यवस्था के लिए एसजीपीसी की ओर से नक्शा तैयार कराया जा रहा है। कार सेवा करने में विभिन्न गांवों से श्रद्धालुगण जुटना शुरु हो गए हैं। वहीं तालाब को देखने के लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है।