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बाबा का कहीं नाम मत लेना

बाबा का कहीं नाम मत लेना
डेरामुखी को यदि सजा हुई तो उसके बाद आगजनी कैसे करनी है? इसकी तैयारी डेरा अनुयायियों ने पहले ही कर ली थी। पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में चूंकि पेट्रोल पंपों से खुला तेल मिलने पर कड़ी पाबंदी थी, इसलिए संकट ये था कि आगजनी के लिए पेट्रोल बम कैसे तैयार किए जाएं।
मगर इसका तरीका भी डेरासमर्थकों ने निकाल लिया था। जिसके चलते 25 अगस्त को पेट्रोल बम के जरिए तीनों राज्यों में जमकर आगजनी हुई। साथ ही सर्च ऑपरेशन के दौरान काफी मात्रा में पेट्रोल बम भी बरामद हुए। यह खुलासा पुलिस द्वारा काबू किए गए उन डेरासमर्थकों से पूछताछ के दौरान हुआ है, जिन्हे 25 अगस्त की हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन ने राउंडअप किया था।
बाबा का कहीं नाम मत लेना

ऐसे तैयार किए पेट्रोल बम
पुलिस से पूछताछ में काबू किए डेराप्रेमियों ने बताया कि पेट्रोल पंप खुले में न तो तेल दे रहे थे और न ही डीजल। इसपर युवाओं ने अपनी मोटरसाइकिलों व अन्य वाहनों की टंकियां फुल करवाई और फिर उनमें से पेट्रोल निकाकर कैन्स में भरा गया। जिसे आगे विभिन्न साथियों के पास सप्लाई कर दिया गया। इन साथियों ने बाद में इस तेल से पेट्रोल बम तैयार किए, जिसका इस्तेमाल 25 अगस्त की हिंसा में हुआ।

बाबा का कहीं नाम मत लेना
राउंडअप किए गए लोगों ने यह भी खुलासा किया उन्हे खास तौर पर निर्देश थे कि जहां भी डेरा समर्थक 25 अगस्त को एकत्रित होंगे। वहां पहले तो अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं करनी। दूसरा, कहीं भी ‘पिता जी’ यानी बाबा गुरमीत सिंह का नाम जुबां पर नहीं लाना। मन ही मन में सिमरन करना है और पूछने पर यही बताना है कि वह पंचकूला में खुद अपनी मर्जी से ही एकत्रित हुए हैं, उन्हे किसी ने नहीं भेजा है।

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