Pooja Bhatt

बेटी पूजा के साथ ट्राइसिटी पहुंचे महेश भट्ट, कहा-चंडीगढ़ मेरे लिए लक्की शहर

वर्ष 1989 में रिलीज हुई फिल्म ‘डैडी’ से पूजा भट्ट ने बॉलीवुड में एंट्री की थी। फिल्म में पूजा ने एक ऐसे शख्स की बेटी का किरदार निभाया था, जिसे शराब की लत होती है। खुद पूजा मानती हैं कि उन्हें इस बात का अंदाजा तक नहीं था कि उस फिल्मी पर्दे के उनके पिता का किरदार वह अपनी असल जिंदगी में जीएगी। किसी ने सच कहा कि शुरूआत में शराब आप पीते हैं, पर कुछ वक्त के बाद शराब आपको पीना शुरू कर देती है।

‘डैडी’ मेरी बेहतरीन फिल्मों से एक है। मैं हर रोज अपनी इस जीत को सैलिब्रेट कर रही हूं। आज मुझे शराब छोड़े 500 दिन से ज्यादा हो गए हैं। मंगलवार को पिता महेश भट्ट के साथ पूजा भट्ट चंडीगढ़ में अपनी फिल्म ‘डैडी’ के थिएटरिकल एडाप्टेशन को लेकर पहुंची। दोनों ने फिल्म से जुड़ी अपनी यादों के साथ कई चीजों पर अपने अनुभव शेयर किए।

नेपोटिज्म नहीं है तो झूठ होगा :

पूजा भट्ट ने कहा कि कोई मुझसे पूछे कि बॉलीवुड में नेपोटिज्म है या नहीं। अगर इस पर मैं न कहूं तो वह सरासर झूठ होगा। वहीं, महेश भट्ट खुद मानते हैं कि बॉलीवुड में नेपोटिज्म है।

आज से नहीं, काफी पहले से है। इस पर खुलकर बात अब होने लगी है। इसके साथ ही इसे बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता है। पूजा भट्ट ने कहा कि 10 साल तक पंजाबी के साथ शादी के बंधन में रही हूं। वह हमेशा मुझसे कहते थे कि तुम मुझसे ज्यादा पंजाबी हो। इसलिए पंजाबियत मेरे अंदर काफी ज्यादा है लेकिन बोलती इसलिए नहीं हूं कि पंजाबी का एक्सेंट फ्लुएंट नहीं है।

16 साल की थी, जब पापा ने मुझे फिल्म ‘डैडी’ का रोल ऑफर किया :

पूजा भट्ट ने कहा कि मैं एक्टर नहीं बल्कि एस्ट्रोनेट बनना चाहती थी। 16 साल की थी, जब पापा ने मुझे फिल्म ‘डैडी’ का रोल ऑफर किया। पापा ने कहा कि तुम्हारे पास 24 घंटे हैं फैसला लेने के लिए कि फिल्म करनी है या नहीं।

जब मैंने कोई जवाब नहीं दिया तो पापा ने मुझसे कहा कि डिंपल कपाडिय़ा की बेटी टिंवकल खन्ना को वह इस फिल्म में लेने की सोच रहे हैं। बस फिर क्या था, मैंने शोर मचा दिया। रोल तो मुझे मिला लेकिन इस शर्त के साथ की अगर मैंने अच्छा परफॉर्म नहीं किया तो वह खुद ही मुझे फिल्म से बाहर निकाल देंगे। वह किसी ओर को यह कहने का मौका नहीं देंगे कि तुमने अच्छा परफॉर्म नहीं किया।

मतभेद ज्यादा होते हैं हमारे बीच :

पूजा भट्ट ने कहा कि मेरे और पापा का रिश्ता काफी मतभेदों वाला है। किसी भी मुद्दे को लेकर हमारी अपनी-अपनी सोच होती है जिसे हम खुलकर रखते भी हैं। वह मेरे पिता हैं, इसलिए मैं उनकी हर बात पर हां नहीं कर सकती।

वह रिश्ता ही क्या जहां सब कुछ सपॉट या यू कहें कि सब कुछ एक के कहने पर फैसला हो जाए। जब पूजा से पूछा गया कि आप हमेशा अपने दिल की बात करती हैं, इसका कोई कारण तो इस पर महेश और पूजा ने कहा कि हर कोई उदार होता है। पर लोग समझते नहीं। अपनी बात करूं तो मैंने अपने पिता से उदारता सीखी है।

जल्द वैब सीरीज में शराबी पुलिस ऑफिसर के किरदार में दिखूंगी :

पूजा भट्ट ने अपने अपकमिंग प्रोजैक्ट के बारे में बताया कि वह जल्द ही एक वैब सीरीज ‘सिटी ऑफ डैथ’ में एक पुलिस ऑफिसर के रोल में दिखाई देंगी, जिसे शराब पीने की लत है। इसके अलावा अपनी जर्नी और अल्कोहोलिज्म पर एक किताब जल्द आ रही है।

पूजा ने कहा कि बतौर एक्टर मैंने काम किया है इसलिए कह सकती हूं कि थिएटर में काम करना आसान काम नहीं है। इसी तरह ऐसा भी नहीं है कि अच्छा बॉलीवुड एक्टर थिएटर में अच्छा परफॉर्म करे।

पूजा जिस सिचुएशन से निकली है, वह मैं फेस कर चुका हूं : महेश भट्ट

महेश भट्ट ने कहा कि मेरी बेटी पूजा जिस सिचुएशन से निकली है वह मैं फेस कर चुका हूं। मुझे याद है जब फिल्म ‘डैडी’ की शूटिंग चल रही थी, उस दौरान मैं शराब का काफी एडिक्ट था।

इस दौरान मैंने सबसे वादा किया हुआ था कि मैं नहीं पीऊंगा। एक दिन शूटिंग पर पूजा सो रही थी। वहीं मेरी पत्नी भी कहीं बाहर गई थी। उस वक्त मैंने सोचा कि कोई देख तो नहीं रहा, पी लेता हूं। लेकिन जब पीने लगा तो सोचा कि मैं भगवान को और दूसरों को तो धोखा दे सकता हूं पर खुद को नहीं। इसके बाद मैंने फिल्म के क्लाइमैक्स को बदल दिया।

चंडीगढ़ मेरे लिए लक्की शहर :

चंडीगढ़ से मेरा नाता काफी पुराना रहा है, जिस भी काम की शुरूआत मैंने इस शहर से की है, उसमें मुझे कामयाबी मिली है। यह तीसरा मौका है जब फिल्म ‘डैडी’ का थिएटरिकल एडॉप्टेशन हुआ है। इससे पहले साल-2014 में दिल्ली में हुआ था।

वहीं साल-2015 में कराची में इसको प्ले किया गया था लेकिन वहा इतने मेच्यौर लेवल पर देखने को नहीं मिला लेकिन लोग निराश नहीं हुए क्योंकि पूजा और मैं वहां मौजूद थे। जब प्ले की तीसरी बार करने का मौका मिला है तो चंडीगढ़ को इसके लिए चुना गया है क्योंकि यह मेरे लिए लक्की शहर है। महेश भट्ट ने बताया कि उनकी तीन फिल्मों ‘द लास्ट सैल्यूट’, ‘अर्थ’ और ‘ट्रायल ऑफ एररर्स’ का थिएटरिकल एडाप्टेशन पहले हो चुका है।

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