भारत-पाकिस्तान के बीच बनते-बिगड़ते रिश्तों का असर ईद पर्व की रवायत पर भी पड़ा

भारत-पाकिस्तान के बीच बनते-बिगड़ते रिश्तों का असर ईद पर्व की रवायत पर भी पड़ा

भारत-पाकिस्तान के बीच बनते-बिगड़ते रिश्तों का असर ईद पर्व की रवायत पर भी पड़ा

भारत-पाकिस्तान के बीच बनते-बिगड़ते रिश्तों का असर ईद पर्व की रवायत पर भी पड़ा। ईद के मौके पर इस बार भी अटारी बॉर्डर पर भारत के लिए पाकिस्तान की ओर से मिठाई नहीं भेजी गई। यह दूसरा मौका है, जब पाकिस्तान ने ईद पर भारत को मिठाई नहीं भेजी है। उधर, सोमवार को समझौता एक्सप्रेस ट्रेन महज पंद्रह मुसाफिरों को लेकर पाकिस्तान से अटारी रेलवे स्टेशन पहुंची। जबकि इसी ट्रेन से पाकिस्तान लौटने वाले मुसाफिरों की संख्या भी मात्र 25 थी।
ईद के मौके पर समझौता एक्सप्रेस में यात्रा करने वालों का यह आंकड़ा पिछले तीन साल में सबसे कम है। ईद के रोज समझौता एक्सप्रेस में सवार होकर पाकिस्तान से भारत आए मुहम्मद इस्लाम ने बताया कि उन्होंने आज के दिन ईद की नमाज के दौरान दोनों देशों में अमन की दुआ की। ईद का मौका सभी को गले लगाने का होता है, लेकिन इस पवित्र पर्व के मौके पर भी भारत और पाकिस्तान के बीच तल्खी कायम रहना दुख की बात है। दोनों मुल्कों को आतंकवाद से लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए।

पाक में हालात ठीक नहीं
मुहम्मद इस्लाम ने बताया कि पाकिस्तान में हालात बद से बदतर हैं। आतंकवाद के खिलाफ अब दोनों मुल्कों को एक जुट होकर लड़ना होगा। आज समझौत एक्सप्रेस अपने समय से आई, लेकिन ईद की मिठाई नहीं लाई। समझौता एक्सप्रेस से आए रिहाना बेगम कहती हैं कि भारत और पाकिस्तान दोनों मुल्कों की आवाम शांति चाहती है। चंद लोगों ऐसे हैं, जो दोनों मुल्कों के बीच शांति नहीं चाहते। पाकिस्तान से समझौता एक्सप्रेस लेकर आए ड्राइवर अब्दुल कयाम ने कहा कि ईद के दिन हमें नफरत को भुलाकर मोहब्बत से गले लगना चाहिए। भारत-पाकिस्तान दोनों एक हो जाएं तो यह दोनों के लिए बेहतर होगा। आतंकवाद के खिलाफ एक सुर में लड़ें तो जन्नत इसी जमीं पर है।

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