Mohali Match

यहां दिल्ली जैसा पॉल्यूशन नहीं, ड्यू फैक्टर की वजह से बदला है मैच का समय: पीसीए

दिल्ली टेस्ट में पॉल्यूशन की वजह से मास्क पहनकर खेले थे लंका के खिलाड़ी, लेकिन…

भारत और श्रीलंका के बीच 13 दिसंबर को होने वाला डे-नाइट वन डे सुबह 11.30 बजे शुरू होगा। धर्मशाला में 10 दिसंबर को खेले जाने वाला वनडे भी इसी वक्त शुरू होगा। पीसीए ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया है कि मैच के समय में हुए बदलाव का पॉल्यूशन से कोई लेना-देना नहीं है। नॉर्थ इंडिया में इस मौसम में शाम के बाद ओस (ड्यू)ज्यादा पड़ती है, जिससे ग्राउंड गीला हो जाता है।

ऐसे में बाद में फील्डिंग करने वाली टीम को नुकसान हो सकता है। पिच क्यूरेटर ने इस बारे में पीसीए को पहले ही रिपोर्ट दी थी। ड्यू फैक्टर का कोई भी टीम बेवजह फायदा न उठा सके इसलिए मैच के समय में बदलाव किया गया है। सीरीज का तीसरा वनडे विशाखापट्टनम में दोपहर 1.30 बजे से ही होगा।

इससे 15 दिन पहले ही पीसीए ने बीसीसीआई से की थी मैच का टाइम आगे करने की रिक्वेस्ट

8 बजे के बाद खेलना मुश्किल होता

पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की रिक्वेस्ट के बाद बीसीसीआई ने मोहाली और धर्मशाला में होने वाले वनडे मैचों का समय 2 घंटे पहले किया है। पीसीए ने दिल्ली टेस्ट से करीब 15 दिन पहले ही बोर्ड को यह रिक्वेस्ट भेजी थी।
पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के ऑनरेरी सेक्रेटरी आरपी सिंगला ने भास्कर से कहा- दिल्ली के पॉल्यूशन का मोहाली पर कोई फर्क नहीं पड़ता। यहां का मौसम अलग है और पॉल्यूशन का लेवल भी दिल्ली जैसा नहीं है। मोहाली मैच का समय क्यूरेटर की रिपोर्ट के बाद बदला गया है। हमें पिच क्यूरेटर ने ओस से बचने के लिए समय बदलने को कहा था। इसके बाद बोर्ड को लेटर लिखा गया और बोर्ड ने उसे मंजूर भी किया। हमने बोर्ड को लिखा था कि नॉर्थ इंडिया में रात 8 बजे के बाद खेलना काफी मुश्किल होगा। ओस के कारण बॉल गीली होती जाएगी, जिसे ग्रिप करने में दिक्कत आएगी। ऐसे में बॉल न स्विंग होती है और न ही स्पिन। मैदान पर दौड़ने में भी मुश्किल होगी। पिच पर भी फर्क पड़ेगा और मैच का मजा खराब हो सकता है। हमें खुशी है कि बोर्ड ने फैंस का ख्याल रखा और मैच का समय 11.30 बजे कर दिया। इससे कोई भी टीम ड्यू फैक्टर का फायदा नहीं उठा पाएगी।

ओस में बॉलिंग करना फास्ट बॉलर के लिए काफी मुश्किल होता है। बॉल एक बार गीला हो जाने के बाद न तो इनस्विंग करता है और न ही आउटस्विंग। यही तेज बॉलर के हथियार होते हंै। एक बार बॉल गीला होने के बाद उसे दुरुस्त होने में कम से कम 15 ओवर लगते हैं।

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