याचिका दाखिल कर चंडीगढ़ निवासी भीम सिंह ने
यदि विज्ञापन में मेडिकल की शर्त नहीं है तो उसको आधार बनाते हुए नियुक्ति देने से इनकार नहीं किया जा सकता। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने यह व्यवस्था चौकीदार पद के लिए आवेदन करने वाले याची की याचिका का निपटारा करते हुए दी।
याचिका दाखिल कर चंडीगढ़ निवासी भीम सिंह ने कहा कि उसने केंद्र सरकार की ओर से निकाली गई चौकीदार पद की नियुक्ति के लिए आवेदन किया था। इसके लिए शर्त यह थी कि याची को 7 दिन के भीतर मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करवाना था। ऐसा न कर पाने की स्थिति में उसे नियुक्ति के लिए अयोग्य मान लिया जाता।
याची ने इसके लिए जीएमसीएच 16 में आवेदन किया। आवेदन के बाद मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए नियोक्ता के साथ पत्राचार में जो समय बीता उसके चलते याची मेडिकल सर्टिफिकेट जमा नहीं करवा सका। इसके बाद जब उसे मेडिकल सर्टिफिकेट मिला तो देरी का हवाला देते हुए इसे लेने से इनकार कर दिया गया।
याची ने हाईकोर्ट में दस्तक देते हुए सरकार के इस फैसले को चुनौती दी। हाईकोर्ट ने इस पर केंद्र सरकार का पक्ष जानना चाहा। केंद्र सरकार की ओर से बताया गया कि याची को आंख की बीमारी है और ऐसे में उसे नियुक्ति नहीं दी जा सकती।
हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने और विज्ञापन को आधार बनाते हुए याचिका का निपटारा कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि इस नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन में कहीं पर भी मेडिकल जांच का जिक्र नहीं है।
जब विज्ञापन में ही मेडिकल जांच का जिक्र नहीं है तो इसे नियुक्ति प्रक्रिया का हिस्सा नहीं माना जा सकता। कानून के अनुसार किसी नियुक्ति के दौरान विज्ञापन की शर्तों को बदला नहीं जा सकता। ऐसे में विज्ञापन में यदि मेडिकल का प्रावधान नहीं है तो इसके आधार पर किसी को नियुक्ति से इनकार नहीं किया जा सकता। इसी के साथ हाईकोर्ट ने याची के दावे पर 3 माह में फैसला लेने केआदेश दिए हैं।
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