Political Trainings

शहर में अब मिलेगी राजनीति की भी ट्रेनिंग

शहर में अब राजनीति की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। अगर आप राजनीति में आने के इच्छुक हैं तो इसकी ट्रेनिंग के लिए बाकायदा पहले टैस्ट देना होगा। अगर चुने गए तो यह न समझें कि खेल समाप्त हो गया। राजनीति के पैंतरे सीखने के लिए आपको जबरदस्त पसीना बहाना होगा। पैंतरे भी ऐसे कि लोग दूर से पहचानेंगे कि असली नेता तो यही है।

जी हां, अगर आप राजनीति को अपना करियर बनाना चाहते हैं और 2024 में लोकसभा के इलेक्शन लडऩे के इच्छुक हैं तो जनाब आपके लिए भी शहर में ट्रेनिंग की व्यवस्था शुरू कर दी गई है। इसके लिए बाकायदा आपका रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया है। स्क्रूटनिंग क्राइटेरिया भी फिक्स किया गया है लेकिन इसमें चयन कोई खाला जी का घर नहीं होगा। इसके लिए पहले आपका इंटरव्यू होगा।

आपके सामान्य ज्ञान और अनुभव की परीक्षा होगी। साइकोमीट्रिक टैस्ट होगा। अगर इसमें खरे उतरे तो फिर समझो कि आप चुन लिए गए। 19 और 20 मार्च को सी.आई.आई. में इंस्टीच्यूट ऑफ पॉलिटिकल लीडरशिप (आई.पी.एल.) की ओर से फ्री पॉलिटिकल ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसमें युवाओं का चयन होगा।

यह होगी चयन की प्रक्रिया :

इस मिशन के लिए उम्मीदवारों का चयन साइको मीट्रिक टैस्ट और इंटरव्यू टैस्ट के आधार पर होगा। फेसबुक पर विज्ञापन देकर इसके लिए आमंत्रित किया जा रहा है। दोनों तारीखों में से एक तारीख का चयन करना होगा और आपकी रजिस्ट्रेशन के साथ सीट बुक हो जाएगी। चुने हुए उम्मीदवारों को दो वर्ष के कड़े प्रशिक्षण से गुजरना होगा तथा बहुत सी प्रतियोगिताओं को पास करना होगा।

सभी स्तरों को सफलतापूर्वक पूरा करने वाले उम्मीदवारों को 2024 के लोकसभा चुनाव लडऩे का अवसर दिया जाएगा तथा चुनाव लडऩे के लिए 20 लाख रुपए तक के फंड की व्यवस्था का तरीका सिखाया जाएगा ताकि आप पैसे की कमी के कारण पीछे न रहें। जो उम्मीदवार लोकसभा स्तर पर नहीं चुने जाएंगे उन्हें उनके राज्यों की विधान सभाओं के चुनाव के लिए तैयार किया जाएगा।

फेसबुक विज्ञापन पर ट्रोलिंग भी खूब :

इस फेसबुक विज्ञापन पर ट्रोलिंग भी खूब हुई है। जहां कईयों ने इसे आम इंसान के लिए बेहतरीन शुरुआत बताया है तो कईयों (जयंत कुमार)ने पूछा है कि भारत को विश्व गुरु बनाने वाला चाणक्य कौन है ? सुरिंदर कुमार ने लिखा है कि विश्व गुरुतो बन गए, नीरव, माल्या, ललित मोदी ने बना दिया।

राकेश ने लिखा है कि पढ़े लिखे लोग तो केजरीवाल के पास भी बहुत हैं एंड इन सबकी राजनीति आप देख ही रहे होंगे। जस्सी सिंह ने लिखा कि बच्चे तां पहलां ही राजनीति ने पट्टे होए ने। रहंदी खुंदी कसर तुसी कड दो। सुभाष चंद्र ने लिखा कि हाहा, गल्लां नाल पहाड़ तोडऩा।

स्टूडैंट्स बोले, घाघ लोगों के लिए है राजनीति :

पी.यू. में राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रैजुएशन कर चुकी संगीता मिश्रा, राजन कश्यप, सुनील भारद्वाज का कहना है कि राजनीति में तो घाघ लोग ही जा सकते हैं। इसमें ऐसे ही लोग कामयाब हैं जो हालात के मुताबिक बदलने की क्षमता रखते हैं।

अगर यूं कहें कि उन्हें गिरगिट की तरह रंग बदलना आना चाहिए तो कतई गलत नहीं होगा। अपने आसपास मंडराते लोगों को कैसे संतुष्ट रख सकते हैं। लोगों से बातचीत करने का कैसा सलीका है। मुंह पर मीठा बोलने की कला में माहिर है या नहीं। सबसे आश्चर्यजनक पहलू इन्होंने यह बताया कि नेता बनना चाहते हैं तो चमड़ी मोटी होनी चाहिए। जो लोग कह रहे हैं उसका आप पर असर नहीं होना चाहिए। इज्जत और बेइज्जती ज्यादा महसूस न करें। ये सब वो पहलू हैं जो राजनीतिक ट्रेनिंग का हिस्सा हैं।

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