सूखती सुखना के मामले हुई सुनवाई
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में सोमवार को सूखती सुखना के मामले हुई सुनवाई में जवाब देते हुए यूटी प्रशासन ने कहा कि लेक से गाद निकालने और सफाई के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है और काम जून में प्रारंभ हो जाएगा। इस पर हाईकोर्ट ने दो टूक कहा कि अब एक दिन भी बर्बाद नहीं किया जा सकता है। जल्द से जल्द काम शुरू किया जाए। इस समय सबसे जरूरी है लेक से गाद निकलने का काम तत्काल शुरू किया जाए और यह सुनिश्चित हो कि सकेतड़ी की ओर से लेक में गाद न आए। कोर्ट ने यह भी कहा कि बारिश से पहले ही सफाई संभव है और वर्तमान परिदृश्य में एक-एक दिन कीमती है। ऐसे में टेंडर प्रक्रिया में देरी न की जाए और जल्द से जल्द इस काम को पूरा किया जाए।
सुझाव पर गौर करे प्रशासन
सीनियर एडवोकेट राजीव आत्माराम ने बताया कि 5 वर्ष पहले वर्ष 2012 में सुखना से गाद निकालने के आदेश दिए थे। इसके लिए पंजाब और हरियाणा से 2-2 जेसीबी मशीनें और 100 श्रमिक देने को कहा गया था। इसका उद्देश्य लेक तक आने वाली सुखना चो का रास्ता साफ करना था। हाईकोर्ट को बताया गया कि मशीनें पंजाब और हरियाणा ने चंडीगढ़ को दी थीं लेकिन ये मशीनें वापस कर दी गईं। 100 श्रमिक बचे रह गए जिनसे अब वीड निकाले जाने का काम लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 20-30 बुलडोजर/जेसीबी और 100 श्रमिक लगा मानसून से पहले लेक को साफ किया जा सकता है।
आत्मा राम ने हाई कोर्ट से मांग की है कि, अगर वर्ष 2012 के आदेशों पर एक बार फिर कार्रवाई की जाए तो मानसून से पहले सुखना साफ हो सकती है। साथ ही लेक का जलस्तर भी काफी बढ़ाया जा सकता है। इस पर तीन दिनों के भीतर काम शुरू करने के निर्देश दिए जाएं। हाईकोर्ट ने राजीव आत्मा राम के इन सुझावों पर गौर करने के प्रशासन को आदेश दिए हैं।