27 प्रतिशत शहरी गरीब को डायबिटीज
शहर में प्री डायबिटीज तेजी से बढ़ा है। वर्ष 2008 में शहर के करीब 14 प्रतिशत लोग प्री डायबिटीज के चपेट में थे। अब यह आंकड़ा 20 प्रतिशत के पार पहुंच गया है। यह दावा पीजीआई के इंडोक्राइनोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर संजय बडाडा ने किया है।
उनके मुताबिक हर ओपीडी में करीब 200 नए मरीज डायबिटीज के आ रहे हैं। जो बहुत बड़ा आंकड़ा है। हालांकि इसमें चंडीगढ़ सहित हरियाणा व पंजाब के भी मरीज शामिल हैं। उनके मुताबिक बिगड़ती लाइफ स्टाइल और खानपान की वजह से लोग प्री डायबिटीज की गिरफ्त में आए हैं। यदि इस स्टेज में लोगों ने ध्यान नहीं दिया तो वे गंभीर बीमारी के शिकार बन सकते हैं। प्री डायबिटीज एक संकेत है, जो बताता है कि व्यक्ति डायबिटीज की ओर बढ़ रहा है।
27 प्रतिशत शहरी गरीब को डायबिटीज
हाल ही में लांन्सेंट जरनल में प्रकाशित आईसीएमआर-इंडियन डायबिटीक स्टडी में बताया गया है कि चंडीगढ़ के 14 प्रतिशत लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जो पूरे भारत में सबसे ज्यादा है। यदि शहरी और ग्रामीण इलाकों के अलग-अलग आंकड़ों पर गौर करें तो शहरी इलाके के करीब 27 प्रतिशत गरीब घरों से ताल्लुक रखने वाले लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जबकि अमीर घराने से ताल्लुक रखने वाले सिर्फ 13 प्रतिशत। विशेषज्ञों का कहना है कि चंडीगढ़ में शहरी गरीब का मतलब यहां की कालोनियों में रहने वाला व्यक्ति है। दूसरे प्रदेशों के मुकाबले यहां की कालोनी में रहने वाला व्यक्ति ज्यादा संपन्न है।