याची का जांच में नहीं सहयोग, पीड़ित बोला-मिल रही धमकियां
बुड़ैल जेल में नशा बिक्री पर यूटी पुलिस ने जांच पूरी कर अंदर नशा बिक्री का ऑर्गनाइजेशन (नशा बिक्री टीम) सक्रिय नहीं होने की रिपोर्ट वीरवार को सौंपी दी। हालांकि, जेल के अंदर नशीले पदार्थ लेकर जाने वालों पर जांच चल रही हैं। वही, दूसरी ओर हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले रॉकी ने पुलिस रिपोर्ट पर सवाल खड़ा कर कहा कि उन्हें लगातार धमकियां क्यों मिल रही हैं?
ऐसे हुई पूरी जांच :
डीआईजी जेल आलोक कुमार ने बताया कि जेल प्रशासन पर लगाएं आरोपों को खुद से संज्ञान में लेकर जांच कमेठी बनाई। उन्होंने खुद जेल की बार-बार चेकिंग, संदिग्ध और पहले नशीले पदार्थ के साथ पकड़े गए कैदियों से पूछताछ, अधिकारियों से मीटिंग सहित कुछ अन्य पहलुओं पर गहनता से जांच की। इस दौरान मिला कि बुड़ैल जेल के अंदर नशा सप्लाई का कोई ऑर्गनाइजेशन सक्रिय नहीं हैं, लेकिन कुछ मात्रा में नशा अंदर लाने वालों की जांच चल रही हैं।
याची का जांच में नहीं सहयोग, पीड़ित बोला-मिल रही धमकियां :
डीआईजी जेल आलोक कुमार ने बताया कि जेल में नशा बिक्री पर याचिका दायर करने वाला रॉकी जांच में सहयोग नहीं कर रहा। उसको एक बार बीट मुलाजिम भेजा, दूसरी बार नोटिस भेजा और तीसरी बार-बार कॉल करने के बावजूद वह जांच में सहयोग करने नहीं आया। जबकि याची रॉकी का आरोप है कि 17 धमकियों के बाद घर में आठ लोग आकर गालियां देकर गए। शिकायत के बावजूद पुलिस चुप है।
यह है मामला:
बुड़ैल जेल से सजा काट चुके कैदी सरबजीत सिंह उर्फ रॉकी ने एक जनहित याचिका दाखिल कर पेशी पर जाने वाले कैदियों के जरिए नशे की सप्लाई की बात कहते हुए पूरे जेल प्रशासन को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है। याचिका में कहा गया कि जेल में बड़े पैमाने पर कैदियों को ड्रग्स, चिट्टा, स्मैक, बीड़ी, कैप्सूल आदि नशीले पदार्थों की योजनाबद्ध तरीके से जेल प्रशासन के मिलीभगत में सप्लाई हो रही है। याचिका में लिखा कि जेल में कैदियों को सुधार के लिए लाया जाता है, लेकिन जिस प्रकार यहां नशे की सप्लाई हो रही है और जेल मैनुअल का उल्लंघन हो रहा है उससे जेल नशेड़ियों का अड्डा बनती जा रही है।