सरस मेले में चंदेेरी के सूट और साड़ी बनी पहली पसंद
– परेड ग्राउंड में आयोजित सरस मेले में 250 से बढ़कर 350 हुई स्टॉल
– आंध्र प्रदेश की स्टाल से लैंपशेड, वॉल हैंगिंग इत्यादि खरीदे जा सकते हैं
अमर उजाला ब्यूरो
पंचकूला।
सेक्टर-पांच स्थित परेड ग्राउंड में आयोजित सरस मेले में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश के अलावा कई राज्यों से स्वयं सहायता समूहों के स्टाल लगाए गए हैं। सरस मेले में लोगों के लिए मध्य प्रदेश से चंदेरी सूट व साड़ी का स्टाल लगाया गया। स्टाल मालिक वकार ने बताया कि इसका कपड़ा 15 दिन में तैयार होता है और इसका सारा काम खड्डी पर किया जाता है। इसके अलावा हरियाणा के जींद, रोहतक, यमुनानगर, घरोंडा, कैथल, सोनीपत, झज्जर, हिसार, करनाल, पंचकूला के पिंजौर, रेवाड़ी, अंबाला, पलवल तथा पानीपत से आए सेल्फ हेल्प ग्रुप द्वारा आचार, बाजरे का लड्डू, आंवले का सामान, जूट के बैग, फूलदान, खरोशिया का सामान, सजावटी फूल, झूमर, उनके कपड़े, हाथ से बनी साड़ी व सूट, हाथ से बनी जवेलरी, बैग, मोमबत्ती, मुरब्बा, नैकलेस, जरी के काम वाली चप्पल, जऱी गोटा काम के कपड़े, लकड़ी पर नेम प्लेट व पेंटिंग, हथकरघा कांच का सजावटी सामान, जड़ी-बूटी से बना दर्द निवारण तेल व पेट की बीमारियों के लिए चूर्ण, खड्डी के बने सूट व साड़ी के स्टाल लगाए गए हैं। मेले में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से तरह-तरह की हाथ से बनी ज्वैलरी व चिकन स्कर्ट व जैकेट की स्टॉल भी लगाई गई है। पंजाब के पटियाला से पंजाब के पारंपरिक पहनावा फुलकारी सूट की स्टाल लगाई गई है, जो कि लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बन रही है। बिहार की प्रसिद्ध मधुबनी साड़ी खरीदने के लिए यहां आगंतुकों का तांता लगा हुआ है। गुजरात प्रांत की स्टाल से खड्डी पर बनी चादर, बैग व कढ़ाई की हुई चादर इत्यादि खरीदे जा सकती हैं। उत्तर प्रदेश के कानपुर की प्रसिद्ध ब्लॉक पेंटिंग के सूट-साड़ी व दुपट्टा तथा बागपत से खड्डी पर बनी चादर, सिरहाने इत्यादि की भी मेले में स्टाल लगाई गई है, जिसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। मेले में आंध्र प्रदेश की स्टाल से लैंपशेड, वॉल हैंगिंग इत्यादि खरीदे जा सकते हैं। मध्य प्रदेश से हाथ से बनी भोपाली चप्पल-जूती तथा खादी के कपड़ों के भी मेले में स्टाल लगाए गए हैं। कश्मीरी पहनावे की बिक्री कश्मीर का भी स्टाल लगाया गया है। इसके अलावा महाराष्ट्र से गहने और हिमाचल प्रदेश से भी ऊनी कपड़ों का स्टाल लगाया है। मेले में 250 स्टाल लगाए जाने का अनुमान था लेकिन इन स्टालों की संख्या बढ़कर 350 के करीब पहुंच गई है।