Chandigarh Smart City

पॉल्युशन फ्री सिटी बनाने का दावा, हकीकत में खुद ही नहीं चाहता प्रशासन!

सिटी ब्यूटीफुल के लोगों को यूं तो प्रशासक वीपी सिंह बदनौर अक्सर साइक्लिंग के लिए प्रोत्साहित करते हैं, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन इसके लिए गंभीर नहीं है। प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि सिटी ब्यूटीफुल में साइकिलिंग प्रमोशन मात्र 25 साइकिलों के दम पर हो रही है।

एक तरफ इसके बारे में अधूरी जानकारी है तो दूसरा आधी साइकिलें भी दुरुस्त नहीं हैं। यूं कहें कि पर्यटकों को सिटी में इस सुविधा की जानकारी तक नहीं है। शायद यही वजह है कि इन दिनों 20 हजार प्रति कीमत की इन साइकिलों की सवारी सिर्फ धूल मिट्टी ही कर रही है।

गौरतलब है कि सिटी में पिछले पांच सालों से साइकिल ऑन रेंट की सुविधा है, लेकिन प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की इच्छा के बाद ही इन साइकिलों को स्टैंड में पार्क तो कर दिया गया, लेकिन प्रशासन की ओर से इसकी प्रमोशन अभी तक राम भरोसे है। वर्तमान समय में सिर्फ सिटको यूटी की ओर से साइकिलिंग प्रमोशन के लिए 15 साइकिलों का इस्तेमाल किया जा रहा है। जबकि चंडीगढ़ प्रशासन एवं नगर निगम की ओर से साइकिलिंग प्रमोशन सिर्फ फाइलों तक सीमित है।

प्रमोशन के बैनर पर नंबर सिटको के मैनेजर का

सिटी ब्यूटीफुल में किस तरह साइकिलिंग को प्रमोट किया जा रहा है, इसकी गंभीरता इसके प्रमोशनल बैनर से ही लगाई जा सकती है। इसमें जारी नंबर ही गलत है। लापरवाही का आलम यह है कि जारी नंबर सिटक ो के सीनियर कर्मचारी व मैनेजर पीएस संधू का है जो वर्तमान समय में सुखना लेक के इंचार्ज के पद पर कार्यरत हैं।

सिक्योरिटी के लिए वसूले जा रहे दो हजार से पांच हजार: जनरल सेक्रेटरी

प्रशासन की ओर से साइकिल रेंट पर लेने के लिए सिक्योरिटी फीस दो हजार रुपये तय की गई है। जो तय समय के बाद काट भी ली जाती है। ऐसे में पर्यटकों के लिए सिक्योरिटी फीस ही देना मुश्किल हो रहा है।

अधिकारियों की माने तो इस सुविधा की सबसे बड़ी कमी ही इसकी सिक्योरिटी फीस है। चंडीगढ़ एमेच्योर साइकिलिंग एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी डॉ. राकेश मोहिंद्रा ने बताया कि साइकिलिंग को लेकर सिक्योरिटी फीस इतनी है कि शहरवासी भी उसे रेंट पर नहीं ले सकते, तो बाहर से आए पर्यटकों के लिए ये और मुश्किल हो रही है। प्रशासन को इसके रेंट एवं सिक्योरिटी फीस कम करनी चाहिए, ताकि यह लोगों की पहुंच तक हो सके।

सप्ताह में मात्र एक ही साइकिल होती है बुक

सुखना लेक पर बने साइकिल ऑन रेंट स्टैंड की जानकारी पर्यटकों तक न पहुंचने के अभाव में एक सप्ताह में मात्र एक ही साइकिल बुक होती है तो कई बार ये भी नहीं। यहां तक कि रेंट पर मिलने वाली साइकिल के लिए कोई काउंटर तक नहीं है।

साइकिल आन रेंट की प्रमोशन सिर्फ चार जगह तक सीमित

सिटी में साइकिल आन रेंट स्कीम की प्रमोशन सिटको की ओर से मात्र चार जगह तक ही सीमित है। सुखना लेक में 13 और शिवालिक व्यू होटल सेक्टर-17 में नाम मात्र दो और माउंटव्यू होटल सेक्टर-10 में चार साइकिल एंट्रेस गेट पर रखी गई हैं। जिस पर शायद ही किसी गेस्ट की नजर जाती हो। होटल में इन साइकिल की सिक्योरिटी फीस 5 हजार रुपये है, जबकि चार घंटे का रेंट 100 और आठ घंटे के लिए 200 रुपये है।

साइकिलों की हालत खराब

रेंट पर मिलनी वाली इन मंहगी साइकिल की हालत भी दिन प्रति दिन खराब हो रही है। आलम यह है कि पांच से 20 हजार की यह साइकिलें पेंचर खड़ी हैं। सुखना लेक में साइकिल पेंचर पार्क की गई हैं जिन्हें दुरुस्त करने का समय भी अधिकारियों के पास नहीं है।

ये सुविधा भी है…इन्हें तो पता भी नहीं

सिटी में साइकिल आन रेंट पर भी कर सकते हैं। यह जानकारी मुझे नहीं थीं। अगर ऐसा है तो काफी अच्छा है। पर हमने इसके बारे में कभी नहीं सुना है।
अशोक गुप्ता, बीए थर्ड स्टूडेंट

साइकिल रेंट पर मिलना काफी अच्छी पहल है। लेकिन इसकी प्रमोशन अच्छे से करनी चाहिए ताकि हम इसको रेंट पर ले सके।
लखविंदर, होटल मैनेजमेंट स्टूडेंट

साइकिलिंग मेरा शौक है। लेकिन शहर में ऐसी सुविधा है मुझे पता नहीं था।
किरण, छात्रा

हम कर रहे हैं कोशिशें
सुखना लेक में साइकिलिंग के प्रति जानकारी हम देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसकी प्रमोशन सही से होना जरूरी है। फिलहाल लोगों को इसकी कम ही जानकारी है। सप्ताह में यहां एक से दो ही बुक होती है।
पीएस संधू, सिटको मैनेजर, इंचार्ज, सुखना लेक

सिटको की ओर से साइकिलिंग की प्रमोशन में डॉप प्वाइंट इश्यू है जो हम जल्द हम ठीक करेंगे।
अनुराग अग्रवाल, जनरल मैनेजर, सुखना लेक, सिटको

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