फेल नहीं करना है सबसे बड़ा कारण
चंडीगढ़ के सरकारी स्कूल के स्टूडेंट्स 10 सीजीपीए हासिल करने में फिसड्डी रहे हैं। सीबीएसई 10वीं की परीक्षा में इस बार सरकारी स्कूलों के 10736 स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी। इसमें केवल सरकारी स्कूलों केे 100 स्टूडेंट्स ने यह मुकाम हासिल किया है। ऐसे परीक्षा परिणाम से शिक्षा विभाग की खामियां सामने आ गई हैं।
इस बार 88 मॉडल और नॉन मॉडल स्कूलों के स्टूडेंट्स ने परीक्षा दी थी लेकिन 10 सीजीपीए 107 स्टूडेंट्स पर एक स्टूडेंट्स ले आया है। इस रिजल्ट से सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स को शिक्षा विभाग की ओर से कैसे पढ़ाया जाता है यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।
फेल नहीं करना है सबसे बड़ा कारण
यूटी कैडर एजुकेशनल इंप्लाइज यूनियन के प्रेसिडेंट स्वर्ण सिंह कंबोज ने बताया कि स्कूलों की क्वालिटी एजुकेशन ठीक नहीं है। स्टूडेंट्स को पांचवीं से आठवीं में फेल नहीं किया जाता है। चंडीगढ़ के रिजल्ट में ग्रेस मार्क बद नहीं हुए हैं। इस कारण ही रिजल्ट 95.12 फीसदी हुआ है। केवल तीन स्कूलों के स्टूडेंट्स पास हुए बाकी सब फेल थे। इसी कारण शहर के रिजल्ट में मेधावी स्टूडेंट्स नहीं बन पा रहे हैं। फेल नहीं होने के कारण स्टूडेंट्स पढ़ाई नहीं कर रहे हैं। उनमें फेल होने का कोई डर नहीं रह गया है। इसी कारण इस तरह के हालात बने हुए हैं।
शहर के स्टूडेंट्स का रिजल्ट 95.12 फीसदी है। अगले साल से ग्रेस मार्क नहीं मिलेंगे। चंडीगढ़ में क्वालिटी एजुकेशन को सुधारने के लिए पांचवीं और आठवीं की परीक्षा बोर्ड से लेने का प्लान बनाया गया है। अगर इस पर सहमति बनेगी तो शहर में होनहार स्टूडेंट्स की संख्या में इजाफा होगा।