सहायक इंस्पेक्टर बरमा सिंह ने बताया कि उन्हें
पुलिस ने राष्ट्रीय पक्षी मोर का शिकार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। नाकेबंदी के दौरान पुलिस ने गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार कर लिया, जबकि दो सदस्य भागने में सफल रहे। आरोपी के पास से पुलिस को तीन मरे मोर मिले हैं। पकड़े गए आरोपी की पहचान मनीमाजरा(चंडीगढ़) निवासी राकेश सिंह (18) के रूप में हुई है। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस दावा किया है कि जल्द ही दोनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सहायक इंस्पेक्टर बरमा सिंह ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि क्षेत्र में जंगली जीवों का शिकार करने वाला एक गिरोह सक्रिय है। इसके बाद पुलिस की एक टीम सोमवार सुबह चंडीगढ़-अंबाला हाईवे स्थित बर्गर किंग रेस्तरां से गांव छत को जाने वाले रास्ते पर नाकेबंदी की।
इस दौरान एक इंडेवर कार को पुलिस शक के आधार पर रुकने का इशारा किया। लेकिन जैसे ही कार रुकी तो उसमें सवार 2 लोग पुलिस को चकमा देकर भाग गए। जबकि एक युवक को पुलिस ने पकड़ लिया। पुलिस को उसके पास से तीन मरे मोर बरामद हुए। इसमें दो मोर और एक मोरनी थी। पुलिस ने मृत मोरों को पोस्टमार्टम के लिए छतबीड़ जू पहुंचा दिया है।
दवा बनाने में किए जाते थे इस्तेमाल
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी मोरों का शिकार करके उन्हें बेच देते थे। आरोपी ने बताया कि जिन लोगों को मोर बेचे जाते थे वह लोग इनका इस्तेमाल दवा बनाने में करते थे।
पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी ने कबूल किया है कि बरामद हुए मोर का शिकार उसने रविवार को छतबीड़ के पास किया था। इनको सोमवार बेचने जा रहे थे। आरोपी ने यह भी बताया कि मोर के पंखों का इस्तेमाल उन महिलाओं के लिए दवा बनाने में इस्तेमाल करते थे, जिनको बच्चा नहीं होता है।