पटियाला समेत 5 बड़े शहरों से शुरुआत; दिसंबर में होने वाले निगम चुनाव के बाद करेंगे लागू, 500 पार्किंग स्पॉट आईडेंटिफाई।
चंडीगढ़.पंजाब में वाहनों की तादाद 94 लाख के करीब पहुंच गई है। ट्रैफिक दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने सूबे में पहली बार पार्किंग पाॅलिसी लाने का फैसला किया है। यह पेड और फ्री दोनों तरह की होंगी। यह पाॅलिसी राज्यभर के 164 शहरों में लागू होगी। शुरुआत अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, जालंधर और मोहाली से होगी। पार्किंग पाॅलिसी लागू करने की जिम्मेदारी लोकल बाॅडीज विभाग की होगी, जिसके लिए कमेटी बनाई गई है। नेतृत्व लोकल बाॅडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू कर रहे हैं। पार्किंग पाॅलिसी के लिए पंजाब के ट्रैफिक एडवाइजर नवदीप असीजा ने ड्राॅफ्ट तैयार कर लोकल बाॅडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को सौंप दिया है।
सिद्धू ने बताया कि 500 पार्किंग स्पाॅट को आईडेंटिटीफाई कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि पाॅलिसी को कैबिनेट में लाया जाएगा। इसके बाद दिसंबर में होने वाले नगर निगम चुनाव के बाद लागू किया जाएगा। इससे सरकार को करोड़ों का राजस्व भी मिलेगा।
ऐसे लागू होगी… किस शहर में कितना ट्रैफिक दबाव, होगा सर्वे
पार्किंग पाॅलिसी लागू करने से पहले सभी शहरों में ट्रैफिक का सर्वे किया जाएगा। इसमें देखा जाएगा कि किस शहर में कितने वाहन हैं और ट्रैफिक का कितना दबाव है। किस शहर की किस मार्केट में या किस पाॅइंट पर ट्रैफिक का कितना दबाव है। इस सर्वे की रिपोर्ट लोकल बाॅडीज विभाग को सौंपी जाएगी। सर्वे की शुरूआत के बारे में कमेटी की अगली मीटिंग में तय किया जाएगा। सर्वे में टू व्हीलर, फोर व्हीलर, बसें, कार, ट्रैक्टर, टैक्सियां, आॅटो और अन्य वाहनों की संख्या देखी जाएगी। इसके बाद उस हिसाब से तय किया जाएगा कि कहां कितनी पार्किंग स्पेस की जरूरत है।
सूबे में 94 लाख वाहन रजिस्टर्ड, रोज चलतीं हैं 50 लाख गाड़ियां
जानकारी के अनुसार राज्य में इस समय करीब 94 लाख छोटे-बड़े वाहन रजिस्टर्ड हैं। इनमें से करीब 65 से 70 परसेंट बाइक और स्कूटर, कारें, ट्रैक्टर और बाकी बसें, ट्रक और बड़े वाहन हैं। लुधियाना में 12 लाख 22 हजार, जालंधर में 8 लाख 48 हजार, अमृतसर में 7 लाख 50 हजार, पटियाला में 4 लाख 70 हजार वाहन रजिस्टर्ड हैं। वहीं, राज्य में रोजाना छोटे-बड़े करीब 50 लाख वाहन सड़कों पर चलते हैं।
शहरों और घंटे के हिसाब से होगी पार्किंग फीस
ड्राॅफ्ट की जा रही पाॅलिसी के तहत घंटों के हिसाब से पार्किंग फीस लेने पर विचार किया जा रहा है। बसों, ट्रकों, कारों, आॅटो और टू व्हीलर्स के लिए अलग-अलग पार्किंग होगी। इसके अलावा बड़े-छोटे शहरों के हिसाब से पार्किंग फीस तय की जाएगी। बड़े शहरों में पार्किंग की फीस ज्यादा रखी जाएगी, जबकि छोटे शहरों में कम फीस रखने पर विचार किया जा रहा है।
आमदनी का ये अनुमान
डेढ़ से दो करोड़ रुपए रोजाना अनुमान है कि पाॅलिसी लागू होने से 164 शहरों से रोज डेढ़ से दो करोड़ का राजस्व इकट्ठा हो सकता है। नवदीप असीजा का कहना है कि राजस्व को उसी शहर के ट्रैफिक कंट्रोल पर खर्च किया जाएगा।
चंडीगढ़ की पार्किंग पॉलिसी पर भी कर रहे हैं स्टडी
पार्किंग समस्या से लोगों को निजात दिलाई जाएगी। इस समय सबसे ज्यादा दिक्कत बड़े शहरों में ट्रैफिक और पार्किंग की है। कमेटी चंडीगढ़ प्रशासन की पार्किंग पाॅलिसी पर भी स्टडी कर रही है। इसकी जिम्मेदारी ट्रैफिक एडवाइजर को सौंपी गई है।-नवजोत सिंह सिद्धू, लोकल बाॅडीज मंत्री